Uttar Pradesh Madrasa Education Board: उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में अब प्री- प्राइमरी की क्लासेज़ चलाई जाएंगी. उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड (Uttar Pradesh Madrasa Education Board) ने इसकी इजाजत दे दी है.
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UP Madarsa Pre Primary Classes: उत्तर प्रदेश के मदरसों को मेन स्ट्रीम से जोड़ने के लिए एक नया कदम उठाया गया है. सभी मदरसों में अब प्री- प्राइमरी की क्लासेज़ चलाई जाएंगी. उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड (Uttar Pradesh Madrasa Education Board) ने इसकी इजाजत दे दी है. बोर्ड की तरफ से इस सिलिसले में सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को लेटर जारी किया गया है.उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड (UPMED) ने सभी संस्थानों को, चाहे वह रजिस्टर्ड हो या नहीं, अपने कैम्पस में प्री-प्राइमरी कक्षाएं आयोजित करने की इजाजत दे दी है.
मदरसे उठाएंगे सारा खर्च
अब तक प्री-प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले पर बोर्ड खामोश था. यह फैसला उन खबरों के बाद लिया गया कि कई मदरसे पहले से ही अपने कैंपस में प्री-प्राइमरी क्लास चला रहे हैं. हालांकि बोर्ड ने साफ तौर पर कहा है कि ऐसी कक्षाओं का खर्च मदरसा को ही उठाना होगा. उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक आर्डर में कहा गया है कि आम राय से यह फैसला लिया गया है कि सभी मदरसों में प्री-प्राइमरी क्लासेज़ की इजाजत दी जानी चाहिए. मौजूदा समय में, उत्तर प्रदेश में 16 हजार 513 मान्यता प्राप्त और 7,500 से ज्यादा अपंजीकृत मदरसे हैं.
सबकी सहमति से लिया गया फैसला: बोर्ड
आर्डर में आगे कहा गया है कि बुनियादी ढांचा, पर्याप्त शिक्षक, सुरक्षा, छात्रों की एजुकेशन समेत सभी व्यवस्थाओं का मदरसों के जरिए ध्यान रखा जाएगा और राज्य किसी भी तरह की रकम मुहय्या नहीं कराएगा. उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा, 2021 से मदरसों में चल रही प्री-प्राइमरी क्लासेज़ को रेग्युलर करने पर चर्चा हो रही है, क्योंकि माता-पिता का कहना है कि सैकड़ों संस्थान कक्षाओं को चला रहे थे. इस मामले में काफी गौर करने के बाद आखिरकार यह तय हुआ कि पूर्व-प्राइमरी क्लासेज़ को वैध बनाने का फैसला लिया गया. इस फैसले में सबकी रजामंदी शामिल है.
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