क्या है दिल्ली सरकार की नई शराब पॉलिसी, किन बातों पर लोगों ने जताई आपत्ति?
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क्या है दिल्ली सरकार की नई शराब पॉलिसी, किन बातों पर लोगों ने जताई आपत्ति?

New Liquor Policy: दिल्ली सरकार ने शराब की नई पॉलीसी को खत्म कर दिया है. अब पुरानी पॉलिसी के तहत शराब की बिक्री की जाएगी. नई पॉलिसी पर भाजपा समेत दिल्ली उपराज्यपाल ने आपत्ति जताई थी.

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New Liquor Policy: दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री एक बार फिर पुराने तरीके से होगी. यह फैसला पुरानी शराब नीति में कई खामियां पाए जाने के बाद लिया गया है. दिल्ली की नई शराब नीति अप्रैल-मई और फिर जून-जुलाई तक के लिए बढ़ाई गई थी, लेकिन अब 31 जुलाई के बाद फिर से पुरानी नीति लागू होगी. 

नई आबाकारी नीति पर भाजपा ने आपत्ति जताई थी. दिल्ली के उपराज्यपाल का भी मानना था कि नई शराब नीति में कई तरह की कमियां हैं. इसमें अनियमितताओं को लेकर CBI जांच की सिफारिश कर दी. आरोप लगाए जा रहे थे कि नई शराब नीति में कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया जा रहा है. इन तमाम वजहों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पुरानी शराब नीति पर लौटना का फैसला किया है. 

दिल्ली की शराब नीति 

दिल्ली सरकार नई सरकार की नीति लागू करते हुए शराब की बिक्री, लाइसेंस जारी करने के तरीके और ठेके के संचालन में बदलाव किया था. दिल्ली सरकार ने दिल्ली को 32 इलाकों में बांटकर लाइसेंस जारी किए थे. इसके तहत होटलों, क्लबों, रेस्टॉरेंटों को रात को तीन बजे तक खुला रखने की छूट थी. इसके साथ ही इन जगहों के अंदर कहीं भी शराब परोसने की इजाजत थी. 
नई शराब नीति में बार के काउंटर पर खुल चुकीं बोतलों की शेल्फ लाइफ पर पाबंदी हटा ली गई थी. शराब की दुकानों के बाहर स्नैक्स बेचने पर पाबंदी थी. शराब की दुकान का मुंह सड़क की तरफ नहीं रखने का प्रावधान था. 

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नई शराब नीति पर आपत्ति

दिल्ली के उपराज्यपाल के मुताबिक नई शराब नीति के तहत टेंडर प्रक्रिया में जान-बूझकर कमियां छोड़ी गईं ताकि कारोबारियों को फायदा पहुंचाया जा सके. 
भाजपा ने आरोप लगाया कि नई शराब नीति के तहत केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार किया है.
आरोप हैं कि दिल्ली में शराब बेचने वाले कई छोटे वेंडर्स की दुकानें बंद हो चुकी हैं. बताया जाता है कि बड़े कारोबारी अपने यहां भारी छूट देते हैं ऐसे में छोटे कारोबारियों के लिए कारोबार करना मुश्किल हो जाता है. 

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