क्या है सोलोगैमी? इन परेशानियों से बचने के लिए लड़कियां अपना रही हैं इसे
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क्या है सोलोगैमी? इन परेशानियों से बचने के लिए लड़कियां अपना रही हैं इसे

लड़कियां सोलोगैमी की तरफ बढ़ रही हैं इसकी कई वजहे हैं. कुछ लड़कियां यह मान कर चलती हैं कि जितनी खुशी वह अपने साथ पा सकती हैं किसी दूसरे के साथ नहीं पा सकतीं.

Sologamy

Sologomy: भारत में हर धर्म के लोग अपनी-अपनी रिवायतों के हिसाब से शादी करते हैं. लेकिन हर शादी में यह बात कॉमन होती है कि शादी में एक लड़की और एक लड़का होता है. इससे पहले हमने दो तरह की शादियों सोलोगैमी (Sologamy) या पोलिगैमी (Polygamy) शादियों के बारे में सुना है. लेकिन हाल ही में सोलोगैमी (Sologomy) शादी सुर्खियों में आई है. भारत की लड़की क्षमा बिंदु नाम की लड़की इन दिनों सोलोगैमी शादी को लेकर खबरों में है. लेकिन सोलोगैमी क्या होता है? हर तरफ इसकी चर्चा क्यों हो रही है? क्यों इसे ज्यादातर लड़कियां अपना रही हैं? इस खबर में हम इसी के ताल्लुक से बताएंगे. 

क्या है सोलोगैमी?

सोलोगैमी का मतलब है कि खुद से ही शादी करना. इसे ओटोगैमी या सेल्फ मैरिज के नाम से भी जाना जाता है. खुद से शादी करने वालों का कहना कि यह खुद की कीमत समझने और अपने आपको प्यार करने की तरफ यह एक कदम है.

विदेशों में हो सौलोगैमी का चलन

विदेशों में कई लड़कियां सोलोगैमी की तरफ बढ़ रही हैं. यह पहले विदेशों में ही प्रचलित था लेकिन अब भारत में भी इसे एक लड़की ने अपनाने की बात कही है. गुजरात की 24 साल की लड़की क्षमा बिंदु (Kshama Bindu) इसे अपनाने जा रही हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि वह 11 जून को सोलोगैमी शादी करेंगी. शादी में जो भी परंपराएं अपनाई जाती हैं वह सारी अपनाएंगी. पंडित मंत्र पढ़ेगा. वह अग्नि के सात फेरे लेंगी. फर्क बस इतना रहेगा कि इस शादी में कोई भी लड़का नहीं होगा. लड़की का कहना है कि वह किसी लड़के से शादी नहीं करना चाहती थीं लेकिन उन्हें दुल्हन बनना था. 

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क्यों अपना रहीं सोलोगैमी

लड़कियां सोलोगैमी की तरफ बढ़ रही हैं इसकी कई वजहे हैं. कुछ लड़कियां यह मान कर चलती हैं कि जितनी खुशी वह अपने साथ पा सकती हैं किसी दूसरे के साथ नहीं पा सकतीं. कुछ लड़कियों का मानना है कि वह किसी के साथ जुड़ने के बजाए जीवन से और खुद से जुड़ाव महसूस करती हैं. कुछ ऐसी भी लड़कियां हैं जो शादी नहीं करना चाहतीं इसलिए भी वह सोलोगैमी अपनाती हैं. कई बार लड़के तलाश करके लड़कियां बहुत परेशान हो जाती हैं. इसलिए वह सोलोगैमी को अपनाकर बहुत खुशी महसूस करती हैं. यह बात छिपी नहीं है कि लड़कियां पुरानी परंपराओं को छोड़कर अब नई चींजें अपना रही हैं. सोलोगैमी अपनाना भी उसी का हिस्सा है.

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