TRP की फुलफार्म (Television Rating Point) है. जिससे यह पता चलता है कि किस चैनल या किस शो को ज्यादा देखे जा रहा है.
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नई दिल्ली: 'टीआरपी' यह लफ्ज़ आपको कई बास सुनने को मिला होगा और यह भी सुना होगा का फलां चैनल की टीआरपी बाकी चैनलों से बहुत ज्यादा है लेकिन बहुत कम लोग ऐसे हैं जो टीआरपी के बारे में जानते हैं और किस तरह से टीआरपी को मांपा जाता है. साथ ही यह भी कुछ लोग ही जानते होंगे कि टीआरपी से किस चैनल क्या नुकसान और क्या फायदा होता है. तो आइए आज हम आपके इन सभी सवालों के जवाब देंगे.
क्या है TRP
TRP की फुलफार्म (Television Rating Point) है. जिससे यह पता चलता है कि किस चैनल या किस शो को ज्यादा देखे जा रहा है. सभी चैनलों की रेटिंग जानने के लिए अलग-अलग शहरों में खास तरह के मीटर लगे हुए हैं. जिनका नाम People Meter है. यहां आपको बता दें कि यह मीटर घरों पर नहीं लगाए जाते बल्कि शहर की किसी खास जगह पर लगाए जाते हैं. जिसे खुफिया रखा जाता है.
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अब यही अलग-अलग शहरों में लगाए गए मीटर अपने-अपने इलाकों के सेटटॉप बॉक्स से कनेक्ट रहते हैं और जिस चैनल को जितने ज्यादा लोग देखेंगे, जितने ज्यादा वक्त तक देखेंगे, उनकी तमाम रिपोर्ट अपनी मॉनिटरिंग टीम को भेजते रहते हैं. मॉनिटरिंग टीम इस डाटा की बुनियाद पर एनालिसिस करती है और फिर यह डेटा आम कर दिया जाता है. जिससे TRP कहा जाता है.
TRP से कैसे होती है चैनल की कमाई
बता दें कि किसी भी चैनल की कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा इश्तिहार (Advertisement) होते हैं. ये वही इश्तिहार होते हैं जो किसी शो के दौरान 1-2 मिनट के लिए चलाए जाते हैं. इश्तिहार वाली कंपनियां टीवी चैनल को इश्तिहार दिखाने के पैसे देती हैं और जिस चैनल की टीआरपी ज्यादा होगी उस चैनल पर इश्तिहार दिखाने के उतने ही ज्यादा पैसे अदा करने पड़ते हैं.
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