Who is Abbas Bhai: पीएम मोदी ने अपनी मां के जन्मदिन के मौके पर अपने जिस दोस्त अब्बास का जिक्र किय था, वह इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहते हैं और कुछ महीने पहले ही गुजरात हुकूमत से रिटायर हुए हैं.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन के मौके पर शनिवार को गांधीनगर में स्थित आवास पर मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपनी हीराबेन के लिए एक ब्लॉग भी लिया, जिसमें उन्होंने अपने एक मुस्लिम दोस्त अब्बास का भी जिक्र किया. इसके बाद से ही चर्चा हो रही है कि आखिर पीएम मोदी के मुस्लिम दोस्त 'अब्बास' कौन हैं और कहां रहते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के भाई पंकज मोदी ने बताया कि अब्बास अब ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहते हैं. उनके मुताबिक, बचपन में हमारी पढ़ाई एक साथ हुई और एक साथ खेले कूदे. अब्बास के दो बेटे हैं. छोटा बेटा ऑस्ट्रेलिया में तो बड़ा बेटा गुजरात के कासीम्पा गांव रहता है. बताया जा रहा है कि अब्बास गुजरात हुकूमत में क्लास 2 कर्मचारी के तौर पर काम करते थे. वह फूड एंड सप्लाई विभाग में थे. दो महीने पहले ही वह अपनी सर्विस से रिटायर हुए हैं.
मां के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने कहीं ये बातें
दरअसल, पिछले रोज पीएम मोदी ने अपने ऑफिशियल ब्लॉग www.narendramodi.in में लिखा था कि मां, ये सिर्फ एक लफ्ज़ नहीं है. ज़िन्दगी का ये वो एहसास है जिसमें प्यार, सब्र, भरोसा कितना कुछ जज़्ब होता है. आज मैं अपनी खुशी, अपनी खुशकिस्मती, आप सबसे शेयर करना करना चाहता हूं. मेरी मां, हीराबेन आज 18 जून को अपने सौवें साल में दाखिल हो रही हैं. यानी उनकी सद साला सालगिरह का आगाज़ हो रहा है."
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अब्बास को पिता जी घर लेकर आए थे
इन तमाम बातों का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने अब्बास नाम के एक शख़्स का ज़िक्र किया है. मां की तारीफ करते हुए वज़ीरे आज़म ने लिखा कि "मां हमेशा दूसरों को खुश देखकर खुश रहा करती हैं. घर में जगह भले कम हो लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा है. हमारे घर से थोड़ी दूर पर एक गांव था जिसमें मेरे वालिद के बहुत करीबी दोस्त रहा करते थे. उनका बेटा था अब्बास, दोस्त की बेवक़्त मौत के बाद पिता जी अब्बास को हमारे घर ही ले आए थे. एक तरह से अब्बास ने हमारे घर में ही रहकर तालीम हासिल की. हम सभी बच्चों की तरह मां अब्बास की भी बहुत देखभाल करती थीं. ईद पर मां, अब्बास के लिए उसकी पसंद के पकवान बनाती थीं. त्योहारों के वक़्त आसपास के कुछ बच्चे हमारे यहां ही आकर खाना खाते थे. उन्हें भी मेरी मां के हाथ का बनाया खाना बहुत पसंद था." वज़ीरे आज़म के इस किस्से के बाद सोशल मीडिया पर अब्बास नाम ट्रेंड कर रहा है.
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