अमेरिका ने एक भारतीय अधिकारी को खालिस्तानी अलगाववादियों के खिलाफ साजिश में दोषी ठहराया है. अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग में दावा किया गया है कि एक वरिष्ठ भारतीय खुफिया अधिकारी निखिल गुप्ता ने खालिस्तानी कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भाग लिया था.
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India-US relations: अमेरिकी संघीय अभियोजकों द्वारा बुधवार को एक अभियोग खोला गया, जिसमें एक भारतीय नागरिक पर न्यूयॉर्क शहर में एक खालिस्तानी कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास की योजना में भाग लेने का इलजाम लगाया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, 52 वर्षीय निखिल गुप्ता ने एक अज्ञात भारतीय अधिकारी के साथ मिलकर एक अंडरकवर एजेंट के साथ बैठक की और इस घटना को अंजाम दिया. खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के इलजाम में अमेरिका ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है. न्यूयॉर्क में अमेरिकी वकील डेमियन विलियम्स ने अपने बयान में कहा की निखिल ने भारत से न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची, जो सार्वजनिक रूप से सिखों के लिए एक अलग देश बनाने की वकालत करता है. हालाँकि पन्नू का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन सारी कड़ियां उसकी ओर ही इशारा कर रही हैं.
कौन है निखिल गुप्ता?
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने एक प्रेस रिलीज़ में कहा कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता जो की एक भारतीय नागरिक है, उसे चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया. अमेरिका और चेक रिपब्लिक के बीच हुई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत, 30 जून को चेक रिपब्लिक के अधिकारियों ने गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया था. प्रेस रिलीज़ के मुताबिक 'भारत का एक सरकारी कर्मचारी भारत और अन्य जगहों पर निखिल गुप्ता सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा था. इस साल की शुरुआत में इस भारतीय कर्मचारी ने अमेरिका की धरती पर एक वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रची. राजनीतिक कार्यकर्ता न्यूयॉर्क शहर में रहने वाला भारतीय मूल का अमेरिका नागरिक है. डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की तरफ से भारतीय सरकारी कर्मचारी के नाम नही बताया गया है.
क्यूँ चुना गया निखिल गुप्ता को?
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार , CC-1 ने निखिल गुप्ता को इसलिए अपने साथ शामिल किया था, क्योंकि उसके ऊपर भारत में पहेले से ही कुछ केस दर्ज हैं. इसके चलते CC-1 और निखिल के बीच मई में संपर्क हुआ था और CC-1 ने गुप्ता को यह वादा भी किया कि अगर वह इस मिशन को अंजाम करवा देता है, तो उसके ऊपर भारत में लगे सभी आरोपों को हटवा दिया जाएगा. आपको बता दें की निखिल गुप्ता के ऊपर पैसे लेकर हत्या करवाने और पैसे लेकर हत्या करवाने की साजिश करने का आरोप लगाया है. दोषी पाए जाने पर इन दोनों ही अपराधों के लिए उसे 10-10 साल की सजा दी जा सकती है और उसे अमेरिका की जेल में 20 साल भी काटने पड़ सकते हैं.
कैसे हुआ मिशन फेल?
आपको बता दें कि अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, भारत में बैठे CC-1 के कहने पर निखिल गुप्ता ने हत्या के लिए एक 'किलर' की तलाश शुरू कर दी. तलाश करते करते निखिल का संपर्क एक ऐसे आदमी से हुआ जिसके तालुकात अपराधियों से थे. मगर चौंका देने वाली बात यह है की वो शख्स कोई किलर नही बल्कि अमेरिकी एजेंसियों का एक खुफिया सोर्स था और उस शख्स ने निखिल को हिटमैन' (सुपारी किलर) बताकर एक शख्स से मिलवाया. यानि हिटमैन और सोर्स दोनों व्यक्ति ही अमेरिका के खुफिया एजेंट थे . प्रेस रिलीज में आगे यह भी बताया गया की हिटमैन समझे जा रहे अंडरकवर एजेंट के साथ हत्या के लिए निखिल ने एक लाख डॉलर में डील तय की थी.
निज्जर की हत्या की खबर मिलते ही गुप्ता ने हिटमैन को बताया कि उन्हें भी निज्जर को अपना निशाना बनाना था मगर वह अब मर चुका है, लेकिन अभी भी बहुत सारे लक्ष्य बचे हुए हैं. उसी समय, CC-1 ने गुप्ता को एक समाचार पत्र भेजा, जिसमें खालिस्तानी नेता की जानकारी थी. उस संदेश में गुप्ता को बताया कि अब हमारा लक्ष्य यही है. और इससे पहेले हत्या को अंजाम दिया जाता अमेरिकी एजेंट ने अमेरिकी जांच एजेंसियों के सामने पूरे मामले का खुलासा कर दिया.
प्रधानमंत्री ट्रूडो की इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया रही?
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था और यही कारण है कि अमेरिका में एक भारतीय नागरिक के खिलाफ मुकदमे की सूचना मिलते ही वे बयान देने से पीछे नही हटे. ट्रूडो ने कहा कि यह मामला बताता है कि भारत को अपने ऊपर लगने वाले आरोपों पर बेहद गंभीरता से सोचना चाहिए. उनका कहना था कि भारत सरकार को यह हमारे साथ काम करने की जरूरत है ताकी एस मामले की तह तक पहुंचा जा सके. यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे कोई हल्के में लिया जा सकता है.
पन्नू ने क्या कहा था ?
फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए पन्नू ने कहा कि क्योंकि वह आजाद पंजाब की बात करता है, उसे लगता है कि भारत सरकार उसकी हत्या की साजिश रच रही है. "अमेरिका की धरती पर मेरी हत्या की कोशिश की गई है," उसने कहा. ये भारत का अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद है. इसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र को खतरा बनाया है और अमेरिका की संप्रभुता को चुनौती दी है. पन्नू ने यह भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवाधिकार का उल्लंघन किया है .विरोधियों और आलोचकों को दबाने का उनका पुराना रिकॉर्ड है.