Coronavirus Medicine: आपको बता इन दवाओं के 7 ट्रायल हो चुके हैं और ये ट्रायल 4 हज़ार पेशेंट्स पर किए गए हैं. जिसके बाद WHO इस नतीजा पर पहुंचा है.
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नई दिल्ली: देश में कोरोना (Coronavirus) तेजी से फैल रहा है ऐसे में इंटरनेट पर कई ऐसी दवाईयां और नुस्खे वायरल होते रहते हैं जो कोरोना (Coronavirus) के इलाज का दावा करते हैं. लेकिन किसी पर भी अथोरिटी की मुहर नहीं होती है. लेकिन आपको बता दें WHO नें दो दवाओं को लेकर बड़ा दावा किया है.
आपको बता दें जिन दो दवाइयों के बारे में विश्व स्वास्थय संगठन ने बताया है उनमें से एक बेरिसिटिनिब है. ये दवाई गठिया बाए के मरीज़ों का इलाज करने में इस्तेमाल की जाती रही है. ये दवा कोरोना के क्रिटिकल पेशेंट को वैंटिलेटर पर जाने से बचा सकती है. इस दवा को स्टेरॉइड के साथ दी जाने की सलाह दी जाती है. जान लें कि ये दवा भारत में कोविड पेशेंट्स के लिए इस्तेमाल होती आ रही है. इसे क्रिटिकल पेशेंट्स को दो हफ्तों तक दिया जाता है.
इसके अलावा जो दूसरी दवा है उसका नाम सोटरोविमैब है. ये दवा उन लोगों को दी जाती है जिनकी हालत क्रिटिकल नहीं होती है और वे सिर्फ़ हाई रिस्क पर होते हैं. इसी के साथ WHO ने Casirivimab-Imdevimab कॉम्बिनेशन एंटीबॉडी कॉकटेल देने की भी सिफारिश की है. ये कोरोना पॉजिटिव होने के पहले दिन ही दे दी जाती है. आपको बता इन दवाओं के 7 ट्रायल हो चुके हैं और ये ट्रायल 4 हज़ार पेशेंट्स पर किए गए हैं. जिसके बाद WHO इस नतीजा पर पहुंचा है.
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ये दवा लेने से बचें
मोलनुपिरावीर (Molnupiravir) दवा भारत में कई मरीज़ों को लिखी जा रही है. ये दवा मुंह से ली जाने वाली इकलौती दवा है. ये दवा लेने के बाद पेशेंट्स के कई हद तक चांस रहते हैं कि उसे वैंटिलेटर या ऑक्सीजन पर ना रखा जाए. इस दवा को 18 साल से कम उम्र के लोगों को नहीं दिया जा सकता.
आपको बता दें इस दवा को लेकर कई एक्सपर्ट्स सावधानी बरतसने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि ये हड्डियों की ग्रोथ पर बुरा असर डालती है. इसे के साथ इस दवा के को गर्भवती महिलाओं को नहीं देना चाहिए. ये दवा का ये भी साइड इफेक्ट हो सकता है कि ये महिलाओं में से प्रजनन क्षमता प्रभावित कर सकती है.
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