Bharat Bandh: अपने ही लोगों के क्यों खिलाफ हैं दलित नेता जीतन मांझी और किरोड़ी लाल, जानें पूरा मामला
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Bharat Bandh: अपने ही लोगों के क्यों खिलाफ हैं दलित नेता जीतन मांझी और किरोड़ी लाल, जानें पूरा मामला

Dalit leaders on Bharat Bandh: आज कई दलित और आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इस आह्वान के बाद राजनीतिक दल दो गुटों में बंट गए हैं. सभी विपक्षी दलों और बीजेपी के कुछ सहयोगी दलों ने इस बंद का समर्थन किया है. वहीं, भाजपा के कद्दावर नेता किरोड़ी लाल मीना और दलित नेता जीतन राम मांझी भारत बंद के खिलाफ हैं. आइए जानते हैं कि वो भारत बंद के क्यों खिलाफ हैं. 

Bharat Bandh: अपने ही लोगों के क्यों खिलाफ हैं दलित नेता जीतन मांझी और किरोड़ी लाल, जानें पूरा मामला

Dalit leaders on Bharat Bandh: SC और ST रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के मुख्तलिफ दलित और आदिवासी संगठनों ने आज यानी 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है. इस बंद का समर्थन तमाम विपक्षी दल कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी ने भारत बंद पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन बीजेपी और गठबंधन दल के कई दलित नेता भारत बंद के खिलाफ हैं. आइए जानते हैं इन नेताओं की दलील क्या है. आखिर क्यों ये भारत बंद के खिलाफ हैं.

जीतन राम मांझी क्यों है भारत बंद के खिलाफ
हम पार्टी के चीफ और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भारत बंद के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि वो इस भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कुछ दलित नेताओं पर इल्जाम लगाया है कि कुछ संपन्न दलित झूठी बातें कहकर रिजर्वेशन खत्म होने का भ्रम फैला रहे हैं. खास लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए इस आंदोलन को चला रहे हैं. 

मांझी ने दलित नेताओं पर लगाए गंभी इल्जाम
उन्होंने आगे कहा, "जो लोग आज बंद का समर्थन कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने पहले रिजर्वेशन के नाम पर अपनी हालात मजबूत की और बाकी दलित समुदाय को पीछे छोड़ दिया. दलित समुदाय के कई लोग आज भी बेहद गरीबी में जी रहे हैं, जबकि कुछ दूसरे जिन्हें उन्होंने 'डी4' कहा, रिजर्वेशन का फायदा उठाकर बेहतर जिंदगी गुजार रहे हैं. हमारी 18 जातियां अलग हैं और हम अलग रिजर्वेशन की मांग करते हैं."

किरोड़ी लाल मीणा भारत बंद से क्यों हैं खफा
किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी के कद्दावर और आदिवासी नेताओं में से एक हैं और राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. वह सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. इससे पहले वे राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. किरोड़ी पूर्वी राजस्थान के बड़े नेता माने जाते हैं. जीतन राम माझी की तरह किरोड़ी लाल मीणा भी भारत बंद के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि वह रिजर्वेशन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं. क्रीमी लेयर पर विचार किया जाना चाहिए. 

किरोड़ी लाल मीणा ने दिया ये तर्क
उन्होंने अपनी निजी राय देते हुए कहा, "मेरे गांव में एक व्यक्ति 30 साल से पहाड़ खोदकर अपना गुजारा कर रहा है. जबकि मैं डॉक्टर बन गया, मेरा भाई IAS और IPS बन गया और मैं मंत्री भी बन गया, लेकिन वो आदमी कुछ नहीं बन पाया. उसे मौका मिलना चाहिए."

चिराग पासवान ने किया भारत बंद का स्वागत
बीजेपी के सबसे अहम सहयोगी पार्टियों में से एक लोजपा (आर) के चीफ और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भारत बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है, "भारत बंद का समर्थन करते हैं. जब तक समाज में SC और ST के खिलाफ छुआछूत जैसी प्रथा है, तब तक SC और ST वर्ग के लिए कैटेगरीज में रिजर्वेशन और क्रीमी लेयर जैसा कोई प्रावधान नहीं होना चाहिए." 

इन दलित नेताओं ने भी भारत बंद का किया समर्थन
चिराग पासवान के अलावा कई दलित नेताओं ने भारत बंद का समर्थन किया है. इसमें कई बड़े नेताओं का नाम शामिल हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और दलित नेता मायावती ने भारत बंद का समर्थन किया है और अपने कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण और बिना हिंसा के विरोध प्रदर्शन करने की गुजारिश की है. इनके अलावा राजस्थान के दलित नेता हनुमान बेनीवाल और भीम आर्मी ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.

क्या है पूरा मामला
एससी-एसटी रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी और एसटी की सभी जातियां और जनजातियां एक ही वर्ग नहीं हैं. कुछ जातियां ज्यादा पिछड़ी हो सकती हैं. इन पिछड़ी जातियों के लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी रिजर्वेशन को कैटेगरीज कर अलग से कोटा तय कर सकती है, जैसे OBC रिजर्वेशन में होता है. ऐसा करना संविधान के आर्टिकल 341 के खिलाफ नहीं है. कोटा के भीतर कोटा तय करने के फैसले के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को जरूरी निर्देश भी दिए थे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज होकर दलित संगठन भारत बंद का ऐलान किा है.

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