'ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ', पढ़ें सर्दी पर बेहतरीन शेर
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'ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ', पढ़ें सर्दी पर बेहतरीन शेर

Poetry on Winter: दिल्ली और उत्तर भारत के कई इलाकों में इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. ऐसे में उर्दू के कई बड़े शायरों ने सर्दी के मौसम पर अपनी कलम चलाई है. आइए पढ़ते हैं सर्दी पर कुछ खूबसूरत शेर...

'ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ', पढ़ें सर्दी पर बेहतरीन शेर

Poetry on Winter: यह आम राय है कि सर्दी में लोग काम कम, आराम ज्यादा करना चाहते हैं. सर्दी में अक्सर लोग घर के अन्दर ही रहना पसंद करते हैं. लोगों से मिलना बात करना भी कम हो जाता है. सर्दी में अक्सर चीजें ठंडी हो जाया करती हैं. कई शायर के मुताबिक सर्दी का मतलब है अरमानों का सर्द पड़ जाना. एहसासों का जम जाना. सर्दी में परदेसियों और गरीबों को खासी परेशानी हो जाती है. इस पर शायर ने अपनी कलम चलाई है.

सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
-मोहम्मद अल्वी

ऐसी सर्दी में शर्त चादर है 
ओढ़ने की हो या बिछौने की 
-पारस मज़ारी

सर्दी और गर्मी के उज़्र नहीं चलते
मौसम देख के साहब इश्क़ नहीं होता
-मुईन शादाब

दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है
-अमित शर्मा मीत

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे 
जो हो परदेश में वो किससे रजाई मांगे
-राहत इंदौरी 

ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ 
हम अपने शहर में होते तो घर चले जाते 
-उम्मीद फ़ाज़ली

अब की सर्दी में कहाँ है वो अलाव सीना
अब की सर्दी में मुझे ख़ुद को जलाना होगा
-नईम सरमद

तुम तो सर्दी की हसीं धूप का चेहरा हो जिसे
देखते रहते हैं दीवार से जाते हुए हम
-नोमान शौक़

इस बार इंतिज़ाम तो सर्दी का हो गया
क्या हाल पेड़ कटते ही बस्ती का हो गया
-नोमान शौक़

पैरों से टकराते हैं जब झोंके सर्द हवाओं के 
हाथ लरज़ने लग जाते हैं चमड़े के दस्तानों में 
-अदनान मोहसिन

तेज़ धूप में आई ऐसी लहर सर्दी की
मोम का हर इक पुतला बच गया पिघलने से
-क़तील शिफ़ाई

लगी रहती है अश्कों की झड़ी गर्मी हो सर्दी हो
नहीं रुकती कभी बरसात जब से तुम नहीं आए
-अनवर शऊर

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