World Milk Day 2023: दूध सेहत के लिए फायदेमंद है. आज वर्ल्ड मिल्क डे है. आखिर आज ही क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड मिल्क डे. क्या है इसका कारण और इतिहास जानें. और श्वेत क्रांति क्या है.
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World Milk Day: दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है. यही कारण के है कि आपको सभी घरों में दूध का सेवन करने वाले मिलेंगे. दूध में भरपूर पोषक तत्त्व होते हैं. दूध सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है और शारिरीक क्षमता को बढ़ने में बहुत मदद करता है. यही कारण है कि आज बड़े से लेकर के बूढ़े तक दूध का सेवन करता है और डॅाक्टर भी मरीज को दूध का सेवन करने के लिए कहत है. ताकि दूध में मौजूद कैल्शियम से मिल सके और शरीर मजबूत बने रहे. दूध के महत्त्व को देखते हुए हर साल 1 जून को World Milk Day मनाया जाता है. ताकि दुनिया के लोग दूध और उसके महत्त्व को समझे.और दूध से जुड़े व्यवयाय को भी बढ़ावा मिल सके. आज इस खास मौके पर जानते हैं मिल्क डे का इतिहास.
World Milk Day का इतिहास
हर साल World Milk Day को 1 जून को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 2001 में हुई जब संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने विश्व दुग्ध दिवस की स्थापना की. भारत सहित कई देशों में इस दिन को मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य डेयरी को बढ़ावा देना था .
World Milk Day मनाने का उद्देश्य
मिल्क डे मनाने का उद्देश्य सिर्फ इसका लाभ बताना नहीं था बल्कि इसका मकसद दोनों यानी लाभ और दूध से जुड़े व्यवसाय को बढ़ाने और जागरुक करने के लिए. और साथ ही ये बाताना है था कैसे अर्थव्यवस्थाओं और दूध बेचने वाले समुदायों को लाभ पहुंचाता है. FAO के अनुसार छह अरब लोग डेयरी उत्पादों का उपभोग करते हैं और एक अरब से अधिक लोगों का आजीविका चलाते हैं.
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इसके याद में मनाया जाता है भारत में हर साल नेशनल मिल्क डे
पूरे विश्व में 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है लेकिन भारत में 26 नवंबर को हर वर्ष नेशनल मिल्क डे मनाने की परंपरा है. ये परंपरा डॉक्टर वर्गीज कुरियन का जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है. डॉक्टर वर्गीज कुरियन को मिल्क मेन के नाम से भी जाना जाता है. जो भारत में श्वेत क्रांति (White Revolution) काजनक भी कहा जाता है.
श्वेत क्रांति क्या है
डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने वर्ष 1970 में श्वेत क्रांति की शुरुआत की.जिसका मेन मकसद था भारत में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना.डॉक्टर कुरियन नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए साल 1965 से लेकर के साल 1998 तक देश के हर जगह दूध को लेकर बढ़ावा देने की कोशिस की. इन्हीं के बदौलत भारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाले देशों में से एक बन चुका है.