वीडियो वायरल होने के बाद मामला जब लोगों के सामने आया और छात्रों को तमाम तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. जिसके बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने अपने एक नेता का फौरी तौर पर निष्कासित कर दिया.
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गुवाहाटी/शरीफुद्दीन अहमद: असम के तिनसुकिया के फिलोबाड़ी में एक स्कूल शिक्षक को घुटने टेकने के लिए मजबूर करने वाले छात्र नेताओं की घटना के बाद सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हुई. राज्य भर के कई संगठनों ने उस घटना की कड़ी निंदा की है, जिसमें ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के नेताओं का एक ग्रुप शामिल था. कड़ी निंदा के बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने एक्शन लेते हुए अपने जिला स्तर के नेताओं में से एक को निष्कासित कर दिया.
11 अक्टूबर को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है. वीडियो में देखा गया है कि किस तरह फिलोबारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, निरादा बोरा की प्रिंसिपल को एक जिला स्तरीय AASU नेता के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क पर अपने छात्रों के सामने घुटने टेकने के लिए मजबूर किया गया था. बताया जा रहा है कि छात्र दाखिले के लिए 3,000 रुपये की कथित वसूली के खिलाफ प्रदर्शनक र रहे थे.
वीडियो वायरल होने के बाद मामला जब लोगों के सामने आया और छात्रों को तमाम तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. जिसके बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने अपने एक नेता का फौरी तौर पर निष्कासित कर दिया. कर्ण बुरागोहेन के तौर पर पहचाने जाने वाले छात्र नेता के निष्कासन के बारे में जानकारी देते हुए, आसू के महासचिव शंकर ज्योति बरुआ ने इस घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया और इसके लिए माफी मांगी.
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उन्होंने कहा, "हमने घटना की जांच की और इसमें एक AASU सदस्य की संलिप्तता पाई गई, जिसकी पहचान कर्ण बुरागोहेन के रूप में हुई. हमने उन्हें तत्काल प्रभाव से संगठन से निष्कासित कर दिया है.
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