अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद से तालिबान ने वहां लड़कियों की पढ़ाई, नौकरी, रोजगार और पार्क में घूमने पर रोक लगा दी थी. अब वह महिला खिलाड़ियों को निशाना बना रहा है. सरकार ने हर तरह के खेलों पर रोक लगा दी है.
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काबुलः तालिबान सरकार को न सिर्फ महिलाओं की नौकरी और पढ़ाई से दिक्कत है बल्कि उसे महिलाओं के खेलने से भी दिक्कत है. अफगानिस्तान की महिला एथलीटों के मुताबिक, तालिबान सरकार ने न सिर्फ लड़कियों और महिलाओं के किसी भी खेल में हिस्सा लेने पर पाबंदी लगा दी है, बल्कि वह उन महिलाओं और लड़कियों को लगातार प्रताड़ित भी कर रहा है, जो कभी खेल में एक्टिव रहती थीं. निजी तौर पर महिला खिलाड़ियों द्वारा अभ्यास करने पर भी तालिबान ने रोक लगा दी है कि ऐसी खिलाड़ियों को गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दे रहा है.
घर आकर दे रहे हैं धमकी
अफगानिस्तान में तालिबान शासन के पहले अलग-अलग खेलों में सक्रिय कई महिला खिलाड़ियों ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया है कि तालिबान उन्हें फोन करके या घर आकर खेल के मुकाबलों या प्रैक्टिस में किसी तरह का हिस्सा न लेने की धमकी दे रहा है. इन खिलाड़ियों ने एक न्यूज एजेंसी के फोटोग्राफर से अपने पसंदीदा चीजों के साथ तस्वीर भी खिंचवाई है. हालांकि, तालिबान के खौफ की वह से उन्होंने अपने बुर्के नहीं उतारे है. इन महिला खिलाड़ियों ने कहा है कि वे आमतौर पर बुर्का नहीं पहनती हैं, लेकिन जब घर से बाहर निकलना होता है कि वह इसे पहन लेती हैं.
निजी प्रैक्टिस पर भी लगा दी है रोक
एक पूर्व खिलाड़ी मरियम कहती हैं, "मां की मार और पड़ोसियों के ताने भी उसे अपना पसंदीदा खेल खेलने से नहीं रोक पाए थे, लेकिन तालिबान ने उसे अपने खेल से रोक दिया है. मैं अपने खेल के बिना पूरी तरह टूट चुकी हैं. ऐसा लगता है मैं अब पहले कि तरह जिंदा नहीं हूं.’’
20 साल की एथलीट रजिया कहती हैं, "2021 में मैं काबुल7 के एक स्पोर्ट्स कॉमपलेक्स में महिला खेल मुकाबले में हिस्सा ले रही थी, तभी खबर मिली कि तालिबान शहर तक पहुंच गए हैं, फिर वहां से सभी महिला प्रतिभागी और दर्शक हॉल छोड़कर भाग गईं.’’
जैनब कहती हैं, "तालिबान के आने के बाद लड़कियां निजी तौर पर प्रैक्टिस करने की कोशिश कर रही थीं, तभी तालिबान के लड़ाकों ने जिम पर छापा मारकर अभ्यास कर रही खिलाड़ियों को हिरासत में ले लिया और उनके साथ मारपीट भी की.
सत्ता मं आते ही महिलाओं को बनाया अपना निशाना
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद तालिबान ने लड़कियों के मीडिल और हाई स्कूलों में पढ़ाई करने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालयों में भी लड़कियों के दाखिला लेने पर रोक लगा दी थी. तालिबान की हुकूमत में अफगान महिलाओं का सार्वजनिक स्थलों पर बाल और चेहरा ढकना भी अनिवार्य कर दिया गया है. वह पार्क, जिम या अपने दफ्तर भी नहीं जा सकती हैं. तालिबान ने गैर-सरकारी संगठनों को महिला कर्मचारियों की नियुक्ति करने से भी रोक लगा दी है.
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