साल 2019 में रोहिंग्या मुसलमानों को बांगालादेश से म्ंयामार भेजने की दो बार कोशिशें हुईं. इसके बाद जनवरी में चीन ने 2021 में बांग्लादेश और म्यांमार के साथ बैठक की. लेकिन म्यांमार सरकार में शरणार्थियों के भरोसे की कमी की वजह से प्रत्यावर्तन की कोशिश नाकाम रही.
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ढाका: चीन ने म्यांमार से भाग कर बांग्लादेश बसे हजारों रोहिंग्या मुसलमानों को दोबारा म्यांमार भेजने में मदद करने आश्वासन दिया है. रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार में हिंसक झड़पों के बाद वहां से भागे थे. चीन ने म्यांमार लौटने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को समायोजित करने के लिए लगभग 3,000 घरों का निर्माण किया है. समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों की मेजबानी कर रहा है. 2017 में म्यांमार ने अल्पसंख्यक समूह पर सैन्य कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद लगभग 750,000 लोगों ने सीमा पार की.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन (AK Abdul Momen) ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने रविवार को ढाका में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की थी. एके अब्दुल मोमेन ने कहा कि "चीनी मंत्री ने बैठक को सूचित किया कि उनके देश ने संभावित वापसी के लिए म्यांमार के राखाइन राज्य में पहले ही 3,000 घरों का निर्माण कर लिया है."
मोमेन ने कहा, "एक बार (शरणार्थियों) वापस आने के बाद चीन उनके लिए प्रारंभिक भोजन सहायता की भी व्यवस्था करेगा." मंत्री ने कहा, "हमें (चीन) धन्यवाद देना चाहिए कि वे ऐसा करने के लिए सहमत हुए." उन्होंने कहा कि शरणार्थियों की पहचान का सत्यापन चल रहा था.
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अधिकारियों के मुताबिक म्यांमार ने अब तक लगभग 58,000 लोगों की पहचान की जांच की है, क्योंकि बांग्लादेश ने कॉक्स बाजार के दक्षिण-पूर्वी जिले में स्थित शिविरों में रहने वाले 800,000 से अधिक शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा भेजा है.
शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर ढाका पहुंचे यी न्यूज ब्रीफिंग में मौजूद नहीं थे, क्योंकि वह रविवार को बैठक के तुरंत बाद ढाका से उलानबटोर के लिए रवाना हुए थे. बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम ने कहा, "चीन ने रोहिंग्या संकट को हल करने में प्रगति की है और हमें स्थिति को समाप्त करने की जरूरत है."
(आईएएनएस)
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