अमेरिकी रिपोर्ट: चीन में नर्क जैसी जिंदगी, जानिए उइगर मुस्लिम महिलाओं के दर्द की दास्तां
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अमेरिकी रिपोर्ट: चीन में नर्क जैसी जिंदगी, जानिए उइगर मुस्लिम महिलाओं के दर्द की दास्तां

महिलाओं के साथ रेप तो आम बात हो गई है. उनका शोषण इस क़दर बढ़ गया है कि हम बयान नहीं कर सकते उइगर मुसलमान इसे सहते कैसे होंगे कहना मुश्किल है.

अमेरिकी रिपोर्ट: चीन में नर्क जैसी जिंदगी, जानिए उइगर मुस्लिम महिलाओं के दर्द की दास्तां

नई दिल्ली: चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के हालात बेहद खराब हैं. इन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. हालांकि चीन दुनिया को बताता है कि ये डिटेंशन सेंटर नहीं बल्कि री एजुकेशन स्कूल हैं. उइगरों के साथ धर्म के नाम पर ज़ुल्म की इंतेहा हो रही है. मज़हबी आज़ादी छीनी जा चुकी है. ख़ासकर मुस्लिम महिलाओं के हालात तो नाक़ाबिले बयान और नाक़ाबिले बर्दाश्त है. 

दूसरे देशों को इंसानी हुक़ूक़ का ज्ञान देने वाली चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी अपने मुल्क में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर जो जुल्म कर रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ महिलाओं के साथ रेप तो आम बात हो गई है. उनका शोषण इस क़दर बढ़ गया है कि हम बयान नहीं कर सकते उइगर मुसलमान इसे सहते कैसे होंगे कहना मुश्किल है. 

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शिनजियांग प्रोविंस में चलाए जा रहे डिटेंशन कैंप में उइगर मुस्लिमों से चीनी सरकार कॉटन और टमाटर का प्रोडक्शन करवाती है. यूएस कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) और अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शिनजियांग के डिटेंशन कैंपों में 10 लाख से ज्यादा उइगर और दीगर मुस्लिमों की आबादी को ग़ैर इंसानी तरीके से रखा जाता है. चीनी अफसर इनके साथ वहशियाना तरीके से पेश आते हैं. 

हालांकि चीन के रवैये के खिलाफ अब दुनिया भर से आवाजें भी उठने लगीं हैं. ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने सीधे तौर पर चीन में चलाए जा रहे डिटेंशन कैंप को शर्मनाक और गैर इंसानी करार देते हुए चीनी सामानों का बॉयकॉट करने का फैसला किया है. डिटेंशन कैंपों में इन मुस्लिम कैदियों से घंटों तक काम करवाया जाता हैं. जानकारी के मुताबिक इनसे कॉटन और टमाटर प्रोडक्शन का कराया जाता है और काम के बदले पैसे भी नहीं दिए जाते हैं. साथ ही उन्हें अपने परिवार से अलग रखा जाता है.

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"मॉडर्न गुलाम की तरह हो गए हैं उइगम मुस्लिम"
CBP के एक्टिंग कमिश्नर मार्क एक मोर्गन ने शिनजियांग में बनने वाले सामानों पर बैन लगाते हुए कहा,''चीनी सरकार के लिए डिटेंशन कैंप में रहने वाले उइगर मुसलमान मॉडर्न (आधुनिक) गुलाम की तरह हो गये हैं और CBP चायनीज सरकार के उइगरों पर इस जुल्म को बर्दाश्त नहीं करेगी. CBP प्रताड़ित किए गये इन आधुनिक गुलामों के खून से बनाए गये उत्पादों को अमेरिकी बाजार में बिकने की इजाजत नहीं दे सकती है"

ब्रिटेन ने लगाई चीनी सामान पर पाबंदी
ब्रिटिश फॉरेन सेक्रेटरी डोमिनिक राब ने हाउस ऑफ कामंस में शिनिजियांग में पैदा होने वाले उत्पादों पर बैन लगाते हुए कहा,"हमें यह यकीनी करना चाहिए कि ब्रिटेन के बाजार में वो सामान ना आ पाएं जो यातना और वहशत देकर मजदूरों से जबरन तैयार करवाए जा रहे हों. हमें उन उत्पादों को अपने बाजारों में अपने घरों में आने से रोकना ही होगा, जिसे इंसानों को गुलाम बनाकर बनवाए जा रहे हों. 

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डिटेंशन कैंप से बाहर निकलना है मना
शिनजियांग और तिब्बत में ह्यूमन राइट्स पर रिसर्च करने वाले कई संगठनों ने दावा किया है कि उइगर मुस्लिमों को डिटेंशन कैंप में जबरन रखा जाता है और नसबंदी कर उनकी आबादी पर लगाम लगाने की कोशिश की जाती है. उइगर मुस्लिमों को डिटेंशन कैंप से निकलने की इजाजत नहीं होती है. जर्मन एंथ्रोपॉलोजिस्ट और विक्टिम ऑफ कन्युनिज्म मेमोरियल फाउंडेशन में सीनियर फेलो एड्रियन जेंज ने अपनी रिसर्च और यूनाइटेड नेशंस की डेफ़ीनेशन के मुताबिक इसे जेनोसाइड यानि क़त्ले-आम का मामला बताया है.

प्रेग्नेंसी रोकने के लिए महिलाओं को दिया जाता खास डिवाइस
ब्रिटिश अखबर 'गार्डियन' ने पिछले साल 4 सितंबर को अपनी रिपोर्ट में एक उइगर मुस्लिम महिलाओं के हवाले से रिपोर्ट छापी थी कि डिटेंशन कैंपों से उइगर मुस्लिमों को निकलने की इजाजत नहीं होती है. ख़्वातीन को IUD (प्रेग्नेंट होने से रोकने का डिवाईस) लगाने को कहा जाता है और अगर कोई महिला IUD लगाने से इनकार कर देती है तो फिर उसपर भारी जुर्माना लगाया जाता है. धमकी दी जाती है और उनके साथ रेप किया जाता है.

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