विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारतीय कर्मियों की वापसी अस्थाई कदम है. वहां के मकामी मुलाजिम की मदद से वाणिज्य दूतावास में कामकाज चलता रहेगा.
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नई दिल्लीः भारत ने अफगानिस्तान में कंधार के आस-पास के नए इलाकों पर तालिबान के कब्जे और उससे उपजे सुरक्षा के संकट के मद्देनजर अपने वाणिज्य दूतावास से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया है. विदेश मंत्रालय के जराया के मुताबिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों के एक समूह समेत हिन्दुस्तानी सफीर, अफसरान और दीगर मुलाजिम को स्वदेश लाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक स्पेशल विमान को शनिचर को भेजा गया था. कंधार शहर के पास अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच जबरदस्त लड़ाई को देखते हुए भारतीय कर्मियों को वापस बुलाया गया है.
पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है दूतावास
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि भारतीय कर्मियों की वापसी अस्थाई कदम है. वहां के मकामी मुलाजिम की मदद से वाणिज्य दूतावास में कामकाज चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा की बदलती स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है. बागची ने कहा कि हमारे मुलाजिम की हिफाजत सबसे जरूरी है. कंधार में भारत के महावाणिज्य दूतावास को बंद नहीं किया गया है.
जारी रहेंगे वीजा से जुड़े काम
बागची ने कहा कि काबुल में भारतीय दूतावास के जरिए वीजा एवं दूतावास मदद से मुंसलिक सेवाएं चलती रहें यह पुख्ता करने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं. तरजुमान ने कहा कि अफगानिस्तान का अहम सहयोगी होने के नाते भारत एक शांतिपूर्ण, संप्रभु और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. काबुल में भारतीय दूतावास ने मंगल को कहा था कि कंधार और मजार-ए-शरीफ में दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को बंद करने का कोई मंसूबा नहीं है. हालांकि इलाके में हिंसा बढ़ने के मद्देनजर कम से कम दो विदेशी मिशन ने उत्तरी बाल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में अपना संचालन बंद कर दिया है.
भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की हिदायत
भारतीय दूतावास ने अफगानिस्तान की यात्रा करने वाले, वहां रहने और काम करने वाले सभी हिन्दुस्तानियों से गुजश्ता हफ्ते कहा था कि वे अपनी सुरक्षा के संबंध में पूरी सावधानी बरतें और देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सभी प्रकार की गैर-जरूरी यात्रा से बचें. एक सलाह में दूतावास ने कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति ‘‘खतरनाक’’ बनी हुई है और दहशतगर्द समूहों ने अवाम को निशाना बनाने सहित कई खतरनाक हमले किए हैं और भारतीय नागरिकों को अगवा होने का भी खतरा है.
अफगानिस्तान में हावी हो रहा तालिबान
अफगानिस्तान में करीब दो दशक तक अपने सैनिकों की मौजूदगी के बाद अमेरिका अगस्त के आखिर तक अपने सुरक्षा बलों की वापसी का अमल पूरा करना चाहता है. वहीं, अमेरिकी सुरक्षा बलों की वापसी के बीच पिछले कुछ सप्ताह से अफगानिस्तान में कई आतंकवादी हमले हुए हैं. अभी अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. वहीं भारत अफगानिस्तान की कयादत, स्वामित्व और कब्जे वाली एक राष्ट्रीय शांति और सुलह प्रक्रिया की हिमायत करता रहा है.
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