वहां की सरकार ने ऑफिशियली तौर पर 65 दिन तक अंधेरा रहने का ऐलान किया है. अलास्का ध्रुवीय इलाकों में आता है.
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अलास्का: ज़मीन की तखलीक बाकी ग्रहों से काफी अलग है और इस वाहिद इसी ग्रह पर ज़िंदगी मुमकिन है लेकिन यह ज़िंदगी जमीन पर भी एक जैसी नहीं है. कहीं लंबी रातें, तो कहीं लंबे दिन होते हैं. अमेरिका का एक हिस्से में सर्दियों की रातें इतनी लंबी होती हैं कि वहां दिन और रात का कुछ पता ही नहीं पता चलता. अमेरिका के अलास्का इलाके भी ऐसे ही है. वहां अब साल 2020 में सूरज नहीं दिखेगा. अलास्का में 18 नवंबर से ही रात है. यहां के उतकियागविक शहर में अब 23 जनवरी को मकामी वक्त के मुताबिक दोपहर एक बजे सूरज निकलेगा.
वहां की सरकार ने ऑफिशियली तौर पर 65 दिन तक अंधेरा रहने का ऐलान किया है. अलास्का ध्रुवीय इलाकों में आता है. उत्तरी (शुमाली) ध्रुव की तरफ आगे बढ़ते हुए सर्दियों में कुछ जगहों पर दिन इतने छोटे होते हैं कि वहां रोशनी नहीं होती. यहां सर्दियों में दिन में भी अंधेरा रहता है,
बता दें कि इस शहर की आबादी महज़ 4 हज़ार की है. यहां सूरज और रौशन के बगैर मौसम काफी ठंडा रहता है. कई बात तो यहां दर्जा हरारत माइनस से 10-20 डिग्री तक पहुंच जाचा है. हालांकि सूरज निकलने का यह निज़ाम सिर्फ अमेरिका के शहर में ही नहीं है बल्कि अलास्का के अलावा रूस, स्वीडन, फिनलैंड, ग्रीस और कनाडा के कुछ शहरों में भी ऐसे हालात पैदा होते हैं. कनाडा के ग्रीस फिओर्ड में तो 100 दिन तक अंधेरा रहने के हालात बन जाते हैं.
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