बाजवा ने आखिरी भाषण में खोली पोल, 1971 की जंग में बोले गए सरकार के झूठ से उठाया पर्दा!
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1455280

बाजवा ने आखिरी भाषण में खोली पोल, 1971 की जंग में बोले गए सरकार के झूठ से उठाया पर्दा!

Pak Army Chief: पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने एक प्रोग्राम के दौरान खिताब करते हुए सरकार और सियासी पार्टियों पर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने 1971 की जंग के बारे में भी बात की.

File PHOTO

Pakistan Army Chief: पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को अपने पद से रिटायर होने जा रहे हैं. इस पद पर अब कौन बैठेगा इसको लेकर पाकिस्तान सरकार तैयारियों में लगी हुई है और जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा. इससे पहले बाजवा ने एक प्रोग्राम के दौरान पाकिस्तान सरकार की पोल खोली है और सियासी पार्टियों पर जमकर हमले बोले हैं. बाजवा ने 1971 की जंग को लेकर पाकिस्तान सरकार के झूठ से पर्दा उठाया है. 

आज मैं एक ऐसे मुद्दे पर चर्चा करना चाहता हूं जिसे अक्सर टाला जाता है, शायद इसलिए क्योंकि यह हमारी फौज के प्रदर्शन से जुड़ा है. लेकिन मैं तथ्यों को सही करना चाहता हूं. मुद्दा है 1971 की जंग से जुड़ा. उन्होंने बताया कि 1971 में भारत के खिलाफ जंग के दौरान हमारे पास 92 हजार फौजी नहीं थे. बल्कि सिर्फ 34 हजार फौजी ही थे. इसके पीछे उन्होंने पाकिस्तान की सियासत को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह हमारी सियासी नाकामी है. 

यह भी देखिए: पैदल हज पर निकले शिहाब चित्तूर की उम्मीदों पर फिरा पानी, पाकिस्तान ने नहीं दिया वीजा

बाजवा ने आगे कहा कि मैं आपको साफ कर देना चाहता हूं कि फौज कुछ भी कर सकती है लेकिन देश के फायदे के खिलाफ कभी नहीं जा सकती. इस दौरान उन्होंने कहा कि क्या आप यह समझते हैं कि देश में एक विदेशी साज़िश हो रही हो और फौज हाथ पर हाथ धरे बेठी रहेगी? तो यह ना मुमकिन है, बल्कि गुनाहे कबीरा (बड़ा पाप) है. पाक सेना प्रमुख ने कहा कि जो लोग यह मानते हैं कि वे फौज और जनता के बीच दरार पैदा करेंगे, वे हमेशा नाकाम होंगे. 

बता दें कि कमर जावेद बाजवा आर्मी चीफ के पद पर सबसे ज्यादा रहने वाले चंद अध्यक्षों में से एक हैं. 62 वर्षीय के जनरल बाजवा की फौज में 44 साल रहे. वह 1978 में सेना में शामिल हुए और 24 अक्टूबर 1980 को अपना कमीशन हासिल किया. वह 2190 दिन (6 साल) तक आ्रमी चीफ रहे. उन्होंने जनरल राहील शरीफ की जगह स्थान पर 29 नवंबर, 2016 को कमान संभाली थी. अपने सैन्य कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 5 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. 

ZEE SALAAM LIVE TV

Trending news