रेफरेंडम के लिए लोगों से सवाल पूछा गया है कि पब्लिक प्लेस में कोई भी अपना चेहरा न ढके, इसपर आपकी क्या राय है?
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नई दिल्ली: फ्रांस के बाद अब एक और देश में बुर्के पर पाबंदी लगने वाली है. इसके लिए वहां की जनता फैसला करेगा. इस देश का नाम है स्विटजरलैंट. स्विट्जरलैंड में इस बात पर बहस हो रही है कि सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं को बुर्का पहनने की छूट होनी चाहिए या नहीं. इस बात का फैसला स्विट्जरलैंड की जनता खुद करेगी.
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इसके लिए जनता की राय यानी रेफरेंडम का सहारा लिया जा रहा है. पूरे स्विट्ज़रलैंड के अवाम 7 मार्च को इस सिलसिले में अपने हक का इस्तेमाल करेंगे और इस बात पर फ़ैसला करेंगे कि बुर्के पर पाबंदी लगाई जाए या नहीं. रेफरेंडम के लिए लोगों से सवाल पूछा गया है कि पब्लिक प्लेस में कोई भी अपना चेहरा न ढके, इसपर आपकी क्या राय है? जिसका जवाब 7 मार्च को अवामी राय से होगा.
साथ ही स्विट्ज़रलैंड के लोकतंत्र सिस्टम में कुछ बदलावों को लेकर भी अवाम की राय मांगी गई है. बुर्के के अलावा कुछ अन्य मुद्दों पर भी जनता 7 मार्च को ही रेफरेंडम के दौरान वोट करेगी. यूरोप के कई देश जैसे नीदरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और डेनमार्क में बुर्का पहनने पर पाबंदी लगी हुई है.
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बता दें कि बुर्के पर बैन का ये प्रस्ताव उस फैसले के 12 साल बाद लाया जा रहा है, जिसमें स्विट्जरलैंड के लोगों ने नई मीनारों को बनने से रोक दिया था. हालांकि इसकी वजह से राजनीतिक उठापटक भी हुई थी. इस प्रस्ताव के पीछे वो दक्षिणपंथी पार्टी ही है, जिसने मीनारों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने वाले जनमत संग्रह का आयोजन किया था. उस जनमत संग्रह को 60 फीसदी स्विस लोगों ने स्वीकार किया था और मीनारों पर बैन का समर्थन किया था.
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