दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने साबिक वज़ीरे आज़म के. पी. शर्मा ओली की ओर से संसद भंग करने के फैसले को पलट दिया था और भंडारी को देउबा को नया वज़ीरे आज़म नियुक्त करने का हुक्म दिया था.
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काठमांडू: नेपाल की सदर विद्या देवी भंडारी ने मंगलवार को विपक्षी नेपाली कांग्रेस पार्टी के नेता शेर बहादुर देउबा को मुल्क का नया वज़ीरे आज़म नियुक्त किया. देउबा की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक दिन पहले दिए गए फैसले के मुताबिक है, जिसने ओली को हटाते हुए वज़ीरे आज़म ओहदे के लिए देउबा के दावे पर मुहर लगाई थी.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने साबिक वज़ीरे आज़म के. पी. शर्मा ओली की ओर से संसद भंग करने के फैसले को पलट दिया था और भंडारी को देउबा को नया वज़ीरे आज़म नियुक्त करने का हुक्म दिया था.
पहले ही चार बार प्रधानमंत्री के पद की जिम्मेदारी संभाल चुके 69 वर्षीय देउबा अब पांचवीं बार हिमालयी अपने कौम की कमान संभालेंगे. वह चार पार्टियों - नेपाली कांग्रेस, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर), जनता समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा के गठबंधन की कियादत कर रहे हैं.
मंगलवार को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में ओली ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल करेंगे और पद खाली करने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैं लोगों के फैसले से नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के हुक्म की वजह प्रधानमंत्री पद छोड़ रहा हूं.' ओली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, 'मैंने पद छोड़ दिया है और मुझे चिंता भी नहीं है, क्योंकि मैंने नेपाली लोगों के लिए काम किया है.'
मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूएमएल और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के बीच यूनिटी को भी गैर कानूनी करार दिया है. इस फैसले ने न सिर्फ दो कम्युनिस्ट पार्टियों को तकसीम किया, बल्कि ओली को भी अकलियत में डाल दिया. माओवादी सेंटर ने मई में ओली को दी गई अपनी हिमायत वापस ले ली थी.
माओवादियों की तरफ से अपनी हिमायत वापस लेने के बाद, आइनी प्रोविजन के मुताबिक, ओली फ्लोर टेस्ट के लिए गए. लेकिन वह खुद एतमादी का का वोट हासिल करने में नाकाम रहे. जिसके बाद उन्होंने 21 मई को सदन को भंग कर दिया और नवंबर में जल्द चुनाव कराने का ऐलान किया.
इस कदम को कोर्ट में चुनौती दी गई थी. साथ ही देउबा ने भी बहुमत का दावा किया और सुप्रीम कोर्ट में एक अर्ज़ी दायर कर अगले वज़ीरे आज़म के तौर पर उनकी नियुक्ति की मांग की, क्योंकि उन्हें बहुमत वाले सांसदों की हिमायत हासिल थी.
देउबा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रपति कार्यालय को मंगलवार शाम से पहले देउबा को पीएम नियुक्त करने और सदन बहाल करने का परमादेश जारी किया. देउबा, जिनकी ओर से मंगलवार को एक छोटा मंत्रिमंडल बनाने की उम्मीद है, बाद में शाम को पद की गोपनीयता की शपथ भी लेंगे.
इनपुट- आईएएनएस
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