Tahawwur Rana: साल 2008 में मुंबई में हमलों के एक आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है. अमेरिका की एक अदालत ने राणा को भारत के हवाले करने का हुक्म जारी कर दिया है. हालांकि इस राणा के वकील इस बात का विरोध किया लेकिन भारत के ज़रिए दिए गए सबूत काफी मजबूत थे.
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Tahawwur Rana: मुंबई के 26/11 हमलों के एक आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द अमेरिका से हिंदुस्तान लाया जाएगा. इस संबंध में अमेरिका की एक अदालत ने मंजूरी दे दी है. यहां अदालत में भारतीय अफसरों ने तहव्वुर के मुंबई हमलों में शामिल होने की बात करते हुए कहा था कि उसको जल्द भारत के हवाले किया जाए. भारत ने 10 जून 2020 को एक शिकयत में तहव्वुर राणा की अस्थाई गिरफ्तारी की मांग की थी.
इस संबंध में कैलिफोर्निया की जिला अदालत के जज ने कहा,"अदालत ने समर्थन और विरोध पक्ष के दस्तावेजों पर गौर किया. जिसके बाद नतीजा यह निकला कि तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण योग्यता को मंजूर किया जाए." इस संबंध में अमेरिकी अदालत ने बुधवार को 48 पन्नों का आदेश जारी किया है. कोर्ट जब इस मामले पर सुनवाई पर हो रही थी तो अमेरिकी अफसरों ने कहा कि राणा को मालूम था कि उसका बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली आतंकी संगठन लश्कर का सदस्य है.
अफसरों ने यह भी कहा कि तहव्वुर को अपने दोस्त के बारे में पता होने के बावजूद उसका साथ दिया. यहां तक कि उसके ज़रिए किए जा रहे कामों पर पर्दा डालने का काम भी राणा ने किया. इतना ही नहीं अमेरिकी अदालत ने यह भी बताया कि लश्कर से जुड़े तहव्वुर के दोस्त हेडली की हमलों से संबंधित जितनी भी बातें होती थीं. उन सभी के बारे में राणा को भी पता रहता था. हालांकि राणा के वकील ने इस अपने मुवक्किल पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया और उसके भारत के प्रत्यर्पण का भी विरोध किया. लेकिन अदालत में भारत के ज़रिए पेश किए सबूत के आगे वकील की एक ना चली.
अदालत ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय को इस भी इस संबंध में इजाज़त दे दी है. अदालत ने मंत्रालय को लिखा कि समीक्षा और विचार की बुनियाद पर कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि राणा को उसके जुर्म के लिए भारत के हवाले किया जाए.
याद रहे कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों से ना सिर्फ पूरा हिंदुस्तान बल्कि दुनिया हिल गई थी. मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे. इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. इन हमलों में अजमल कसाब नाम का आतंकवादी जीवित पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई थी.
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