तस्लीमा नसरीन के शरीर का एक हिस्सा हुआ बेकार; डॉक्टरों से हुई बड़ी गलती
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तस्लीमा नसरीन के शरीर का एक हिस्सा हुआ बेकार; डॉक्टरों से हुई बड़ी गलती

Taslima Nasreen: बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के नाम से एक ट्वीट वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है कि तसलीमा नसरीन मेडिकल ठगी का शिकार हुई हैं.

तस्लीमा नसरीन के शरीर का एक हिस्सा हुआ बेकार; डॉक्टरों से हुई बड़ी गलती

Taslima Nasreen: सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन बिस्तर पर लेटी हुई नजर आ रही हैं. दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर तस्लीमा नसरीन की ही है जो उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर की है. इसके साथ एक और स्क्रीन शॉट शेयर किया जा रहा है जिसमें नजर आ रहा है कि तस्लीमा नसरीन ने अपनी सेहत के बारे में अपनी डिटेल दी है. उन्होंने लिखा है कि वह मेडिकल ठगी का शिकार हुई हैं. हालांकि वायरल हो रहे स्क्रीन शॉट वाले ट्वीट हमें तस्लीमा नसरीन के ट्विटर हैंडल पर नहीं मिले हैं. हो सकता है कि यह ये ट्वीट बाद में हटा दिए गए हो.

ट्वीट में क्या लिखा?

लेखिका तसलीमा नसरीन के वायरल हो रहे ट्वीट में देखा जा सकता है कि तसलीमा नसरीन बिस्तर पर लेटी हैं. उनके आस-पास उनके करीबी उन्हें घेरे हुए हैं. एक ट्वीट में तसलीमा नसरीन ने लिखा है कि "मेडिकल ठगी का शिकार हुई हूं. मैं स्वस्थ्य थी. घुटने के इलाज के नाम पर उन्होंने कूल्हे की हड्डियों को काट कर अलग कर दिया है. उन्होंने मेरी जांघ की हड्डी को कहीं फेंक दिया और मेरे अंदर धातु फिट कर दी. उन्होंने हमें हमेशा के लिए अपाहिज बना दिया है."

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बीमारी पर खुश हो रहा एक तबका

तस्लीमा नसरीन के इस वायरल हो रहे ट्विटर के स्क्रीन शॉट को लेकर एक तबका खुश है. जिसका कुछ लोगों ने विरोध भी किया है. कई बुद्धिजीवी मुस्लिम युवाओं के इस अप्रोच की आलोचना कर रहे हैं और वह किसी की बीमारी पर हंसने पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.

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कैसे हुआ हादसा?

एक खबर के मुताबिक पजामें के ओवरसाइज होने की वजह से वह गिर पड़ीं और उन्हें घुटने में चोट आई थी. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. तस्लीमा नसरीन का इल्जाम है कि उनके घुटने का इलाज नहीं किया गया बल्लि उनके हेल्दी ऑर्गन को काट कर अलग कर दिया गया. डॉक्टरों ने परेशान कर उनसे हिप का ऑपरेशन कराने को कहा. 

निर्वासित हैं तसलीमा

ख्याल रहे कि 90 के दशक में तसलीमा नसरीन ने नारीवाद पर लिखा. उन्होंने उन धर्मों की आलोचना की जो महिला विरोधी थे. इसके बाद उनके खिलाफ कई फतवे जारी किए गए. उनकी जान को खतरा बताया गया. इसके बाद साल 1994 में वह निर्वास में रहने लगीं. वह साल 2004 में भारत आ गईं. तब से वह यहीं हैं.

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