नई दिल्ली: कोरोना काल में शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाने के बाद शिक्षण संस्थानों के सामने एक समस्या यह भी आई कि छात्रों की परीक्षा कैसे ली जाए.
ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय ने ओपन बुक एग्जाम लेने का निर्णय लिया है. इस तरह की परीक्षा को लेकर लोगों में संशय बरकरार है कि कैसे इस परीक्षा का आयोजन होगा और इस परीक्षा में भाग लेते हुए छात्रों को किस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
आज हम आपको 'ओपन बुक एग्जाम' से जुड़ी सभी आवश्यक बातों के बारे में बताएंगे.
क्या है ओपन बुक एग्जाम
ऑनलाइन एग्जाम कराते समय सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि कई छात्र इंटरनेट साइट से जानकारी निकलकर उत्तर पुस्तिका में लिख देते हैं.
इस स्थिति में दिल्ली विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों को समान अवसर देने के लिए 'ओपन बुक एग्जाम' की शुरुआत की है. इस एग्जाम में छात्र उत्तर लिखने के लिए पुस्तक का सहारा ले सकते हैं.
छात्रों के उत्तरों का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाएगा कि उन्होंने पुस्तक सामने उपलब्ध होते हुए भी प्रश्न का कितना अच्छा उत्तर लिखा है.
हालांकि 'ओपन बुक एग्जाम' के आयोजन में विश्वविद्यालय को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा है.
इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों एवं शिक्षकों की एक टीम बनाई है. जो 'ओपन बुक एग्जाम' से जुड़ी हर समस्या का समाधान खोजनेका प्रयास कर रही है.
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क्या है 'ओपन बुक एग्जाम' देने की प्रक्रिया
'ओपन बुक एग्जाम' देने के लिए छात्रों को सबसे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय की साइट पर जाकर पोर्टल से अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड करना होगा.
छात्र 'ओपन बुक एग्जाम' देने के लिए रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी का इस्तेमाल ही कर सकते हैं.
छात्र ने जिस ई-मेल आईडी से परीक्षा फॉर्म भरा है, उसी आईडी पर छात्रों को प्रश्नप्रत्र मिलेंगे.
छात्रों को रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी से ही अपने उत्तर पीडीएफ की फॉर्म में सबमिट करने होंगे.
हर प्रश्न के लिए अलग-अलग पीडीएफ सबमिट करने होंगे.
छात्रों को प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तीन घंटे का समय तथा उत्तर अपलोड करने के लिए एक घंटे का समय दिया जाएगा.
पीडब्ल्यूडी (पीपुल विथ डिसएबिलिटी-दिव्यांग) छात्रों को उत्तर लिखने के लिए छह घंटे का समय दिया जाएगा.
किन बातों का रखें खास ख्याल
छात्र अपनी रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी और पासवर्ड कहीं पर लिखकर रख लें, जिससे उन्हें लॉग इन करते समय कोई समस्या न हो.
उत्तर की पीडीएफ फाइल का साइज 7 एमबी से ऊपर नहीं होना चाहिए, अन्यथा आपका पीडीएफ सबमिट नहीं होगा.
आपका पीडीएफ पासवर्ड प्रोटेक्टेड नहीं होना चाहिए.
छात्र उत्तर अपलोड करने के समय का इस्तेमाल उत्तर अपलोड करने में ही करें, क्योंकि कई बार नेटवर्क की समस्या के कारण उत्तर अपलोड नहीं हो पाते हैं.
समय-समय पर स्क्रीनशॉट लेते रहें, जिससे आपके पास यह प्रूफ उपलब्ध रहे कि आपने प्रश्नों के उत्तर दिए हैं.
सबमिशन की एक्नॉलेजमेंट रिसिप्ट आती है, तो उसका भी स्क्रीनशॉट लेकर सुरक्षित रखें, क्योंकि कभी-कभी पीडीएफ ठीक से नहीं पहुंच पाने पर विश्वविद्यालय छात्रों से उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ और सबमिशन का प्रूफ मांग सकता है.
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