Ketu Mahadasha: व्यक्ति का सुख-चैन छीन लेती है केतु की महादशा; 7 साल तक करती है परेशान, जानें अचूक उपाय
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Ketu Mahadasha: व्यक्ति का सुख-चैन छीन लेती है केतु की महादशा; 7 साल तक करती है परेशान, जानें अचूक उपाय

Ketu Mahadasha Impact: ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह एक निश्चित समय तक की व्यक्ति की कुंडली में रहता है और उसे शुभ और अशुभ फल प्रदान करता है. इन्हीं में एक ग्रह केतु छाया ग्रह है, जो कि कुंडली में अशुभ फल देता है. 

 

फाइल फोटो

Ketu Remdies: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में हर एक निश्चित समय तक रहता है और इस दौरान वे शुभ और अशुभ फल प्रदान करता है. इन्हीं में से एक छाया ग्रह केतु है. किसी भी जातक की कुंडली में केतु 7 साल तक रहता है. और उस जातक को 7 साल तक केतु के दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान शुभ और अशुभ परिणाम व्यक्ति को मिलते हैं. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर केतु व्यक्ति की कुंडली में उत्तम स्थिति में है, तो जातक की आध्यात्मिकता में दिलचस्पी बढ़ती है. साथ ही, व्यक्ति को आकस्मिक रूप से लाभ होता है. और मान-सम्मान में बढ़ोतरी होने लगती है. वहीं, केतु की महादशी के दौरान व्यक्ति के मन में सांसारिक विषयों में अरुचि जागृत होने लगती है. आध्यात्मिक गतिविधियां बढ़ती हैं और व्यक्ति को तीर्थ यात्रा आदि का अवसर प्राप्त होता है. केतु की अशुभ स्थिति में जटिल रोग, हादसा और आकस्मिक रूप से हानि हो सकती है. इतना ही नहीं, परिवार से अलगाव आदि भी हो सकता है. 

केतु की महादशा का प्रभाव

बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि 6 नक्षत्रों में पैदा हुए व्यक्ति को गंडमूल नक्षत्र माना गया है. इनमें तीन नक्षत्र यथा अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र केतु के आधिपत्य के नक्षत्र हैं. कहते हैं कि इन नक्षत्रों को पैदा हुए जातकों के लिए नहीं, बल्कि उनके माता-पिता के लिए कष्टदायी माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंडमूल नक्षत्र में पैदा हुए जातक के जन्म के 27 दिन के अंदर ही नक्षत्र पूजा करनी चाहिए. लग्न कुंडली में केतु वाला व्यक्ति चिड़चिड़े स्वभाव का होता है. वहीं, केतु के नक्षत्र में कई ग्रह हैं, तो व्यक्ति अतिमहत्वाकांक्षी होता है. 

केतु महादशा के उपाय 

 - अगर कुंडली में केतु की दशा से परेशान हैं, तो उसे शांत करने के लिए किसी भिखारी को वस्त्रों का दान करने से लाभ होगा. 

- ज्योतिष शास्त्र की अनुसार अगर कुंडली में केतु ग्रह अशुभ स्थिति में है, तो काली गाय का दान लाभकारी हो सकता है. 

- केतु के दुष्प्रभावों से बचने के लिए घर के दक्षिण पश्चिम कोने में तिकोना ध्वज लगाना अशुभ फलों को कम करेगा. 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है.

- केतु के अशुभ प्रभावों को खत्म करने के लिए मंत्र ऊँ कें केतवे नमः का प्रतिदिन 108 बार जाप करें. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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