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Palmistry: हस्तरेखा के अनुसार व्यक्ति को अपने या फिर किसी और के भविष्य के बारे में भी विस्तार में पता चल जाता है. आज हाथ में बनने वाली ऐसी रेखा के बारे में बात करेंगे जिससे कि व्यक्ति को उसके जीवन में उसके कार्य या विशेषताओं की वजह से उसे समाज में कैसे और कितना मान सम्मान मिलता है.
सामुद्रिक शास्त्र में जीवन रेखा के पास से शुरू होने वाली सूर्य रेखा के बारे में विस्तार में जानेंगे. लेकिन उससे पहले यह जानेंगे कि यह सूर्य रेखा किसी के हाथों में बनती कैसे है और इसका क्या लाभ है!
जानें कैसे बनती है सूर्य रेखा
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के हाथों की अनामिका अंगुली के नीचे से सूर्य रेखा की शुरुआत होती है. अनामिका अंगुली यानी कि रिंग फिंगर के नीचे कुछ उभरते क्षेत्र को सूर्य पर्वत और इसी उभरते क्षेत्र के नीचे दिल की रेखा के तरफ की आने वाली रेखा को ही सूर्य रेखा कहते हैं.
सूर्य रेखा के लोगों को मिलता है मान सम्मान
जिन लोगों के हाथों में सूर्य रेखा होती है वह जीवन में उन्नी और यश पाते हैं. पर यह तभी मुनासबि है जब व्यक्ति खुद कड़ी मेहनत और जीवन में प्रयास करता है. इसके अलावा किसी भी काम को करने के लिए व्यक्ति के अंदर पूरी योग्यता होनी आवश्यक है. अगर किसी भी व्यक्ति के हाथ में यह सूर्य रेखा बनी होती है तो वह अपनी जिदंगी में कला के क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्ति करता या करती है.
ऐसे लोग सुंदरता के पुजारी माने जाते हैं. इन लोगों को खुद को सजाना संवारना काफी पसंद होता है. यह खुद के लिए अपने पसंदीदा होते हैं. यही वजह है कि लोगों के बीच इनकी सुंदरता की भी काफी तारीफ होती है. इन लोगों को समाज में इनके काम और विशेषताओं की वजह से मान सम्मान भी मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)