केतु ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में उपछाया ग्रह माना गया है. ऐसे में कुंडली में केतु की खराब स्थिति व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मचा देती है. केतु की स्थिति को सही करने के लिए अश्वगंधा के पौधे की पूजा करनी चाहिए. कहते हैं कि इस पौधे की पूजा करने से व्यक्ति की मानिसक समस्याएं दूर होती हैं. इतना ही नहीं, इस पौधे की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शमी का पौधा शनि ग्रह से संबंधित है. ऐसे में शनिवार के दिन शमी के पौधे में जल अर्पित करने से और पूजा करने से शनि ग्रह की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही, जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं.
किसी भी जातक की कुंडली में अगर राहु अशुभ फल दे रहा है या फिर राहु नाराज हैं, तो व्यक्ति को जीवन में बहुत ही कष्ट झेलने पड़ते हैं. इस पीड़ा से निजात पाने के लिए चंदन के पेड़ की पूजा करना शुभ रहता है.
कहते हैं कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. ऐसे में गुरु ग्रह के शुभ फलों के लिए नियमित रूप से पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना चाहिए. वहीं, गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
कुंडली में बुध ग्रह की खराब स्थिति को सुधारने के लिए अपामार्ग पौधे की पूजा करनी चाहिए. कुंडली में बुध की खराब स्थिति व्यक्ति की शारीरिक परेशानियों को बढ़ाती है.ऐसे में अपामार्ग पौधे की पूजा से कुंडली में बुध ग्रह शांत होता है.
खैर का पौधा मंगल ग्रह से संबंधित है. इसे कत्था के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि इस पौधे की नियमित पूजा करने से रक्त विकार और स्किन संबंधी रोग दूर होते हैं. व्यक्ति की मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र अनुसार मंगल ग्रह को शांत करने करने लिए इस पौधे की पूजा शुभ फलदायी साबित होती है.
पलाश का पौधा चंद्र ग्रह से संबंधित है. चंद्र को मन का कारक माना गया है. कहते हैं कि इस पौधे की पूजा करने से मन को शांत किया जा सकता है. साथ ही, व्यक्ति को मानसिक रोग से भी छुटकारा मिलता है. इस पौधे की पत्तियों की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मदार के पौधे का संबंध सूर्य से है. इसे आक या आकंड का पौधा भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस पौधे की पूजा करने से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है. कुंडली में सूर्य की स्थिति अनुकूल करने के लिए रविवार के दिन पूजा करना बेहतर रहात है और सूर्य का तेज प्राप्त होता है.
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