Shagun Apshagun: देवी-देवताओं की पूजा के समय और हर खास मौकों पर दीपक जरूर जलाया जाता है. दीया जलाने के कई लाभ हैं लेकिन यदि पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो इसे अपशगुन माना जाता है.
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Deepak ka Bujhna: सनातन धर्म में दीपक जलाना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. दीपक जलाने के ढेरों फायदे हैं. यह माहौल में सकारात्मकता लाता है. यह जीवन से अंधकार को दूर करके उजाला करने का प्रतीक भी है. इसके अलावा पूजा में दीपक अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग तरह के दीपक जलाए जाते हैं. साथ ही इनकी संख्या भी अलग रखी जाती है. पूजा-पाठ और हर खास मौके पर जलाए जाने वाले दीपक से जुड़ी कई मान्यताएं भी हैं. जैसे दीपक का जलाना तो शुभ होता है लेकिन पूजा के दौरान दीपक का बुझना अशुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि क्या वाकई में पूजा के दीपक का बुझना अपशकुन का इशारा है.
इस बात का इशारा है दीपक का बुझना
पूजा के दौरान दीया या दीपक का बुझना आमतौर पर अपशगुन माना जाता है. मान्यता है कि यदि पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो यह देवी-देवता के नाराज होने का संकेत माना जाता है. साथ ही माना जाता है कि पूजा पूरी नहीं हुई और उसका पूरा फल नहीं मिलेगी. ऐसी भी मान्यता है कि यदि पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो मनोकामना पूर्ति में बाधा आती है. एक अन्य मान्यता के अनुसार दीपक का बुझना इस बात का संकेत है कि व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की पूजा नहीं कर रहा है.
कई वजहें हो सकती हैं दीपक बुझने
हालांकि दीपक बुझने की कई वजह हो सकती हैं. कई बार हवा के कारण या दीपक की बत्ती में कोई समस्या होने पर भी दीपक बुझ सकता है. यदि ऐसा हो तो हाथ जोड़कर भगवान से माफी मांगें और फिर से दीपक जला लें. बेहतर होगा कि दीपक जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें ताकि ऐसी घटना ना हो. इसके लिए दीपक में पर्याप्त मात्रा में तेल या घी रखें. बत्ती अच्छे से बनाएं. जब आरती कर रहे हों या पूजा कर रहे हों तो थोड़ी देर के लिए पंखा बंद कर दें. या फिर दीपक को हवा से बचाने के लिए उसके आसपास कोई आड़ बना दें, ताकि दीपक जलता रहे.
अखंड ज्योति का दीपक बुझना
यदि किसी संकल्प पूर्ति के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई हो तो उसका बहुत ध्यान रखें क्योंकि अखंड ज्योति के बुझने से मनोकामना पूर्ति में संदेह हो सकता है. मान्यता है कि ऐसी घटना परिवार पर कोई संकट ला सकती है. लिहाजा बेहतर है अखंड ज्योति प्रज्वलित करते समय उसके आसपास कांच की घेरन रख दें और ज्यादा मात्रा में तेल-घी रखें. साथ ही अखंड ज्योति के बगल में एक छोटी दीपक भी जलाएं. ताकि उसे से फिर अखंड ज्योति जलाई जा सके.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)