Solar Eclipse 2022: इस बार दीपावली पर पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों में शंका है कि भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा हो सकेगी या नहीं. इसको लेकर लोगों के मन में तमाम सवाल हैं, जिनका उत्तर इस लेख में मिलेगा.
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Solar Eclipse on Diwali 2022: दीपावली के अवसर पर ही सूर्य ग्रहण पड़ रहा है, इस वर्ष का यह पहला सूर्य ग्रहण है, जो भारत में भी दिखेगा. सूर्यग्रहण और दीपावली के एक साथ मनाए जाने को लेकर लोगों में भ्रम और शंका पैदा हो गई है कि इस बार दीपावली मनाएंगे या नहीं. शुभ और लक्ष्मी के प्रतीक गणेश और लक्ष्मी का पूजन होगा या नहीं और होगा भी तो कब होगा. ये ऐसे सवाल हैं, जो लोगों को परेशान कर रहे हैं. आइए इस लेख को पढ़िए, जिसमें इस तरह के सभी सवालों के जवाब और शंकाओं का निवारण है. लेख में हम सूर्यग्रहण की तिथि और समय के साथ ही यह भी बताएंगे कि इस अवधि में आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है.
24 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली
इस बार आप दीपावली भी मनाएंगे और दीपों से अपने घर को सजाने के साथ प्रथम पूज्य गणेश जी और धन की देवी लक्ष्मी जी का पूजन कर सुख-शांति धन ऐश्वर्य आदि की कामना भी करेंगे. सभी जानते हैं कि दीपावली का पर्व कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होता है. इस बार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 24 अक्टूबर की शाम 4.44 बजे तक रहेगी और इसके बाद अमावस्या लग जाएगी. इस तरह आप 24 अक्टूबर को दीपावली मना सकेंगे और नरक चतुर्दशी भी मनाएंगे.
खंडग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को होगा
खंडग्रास सूर्यग्रहण कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानी कि 25 अक्टूबर 2022 मंगलवार को होगा. एक बात समझने की है कि ग्रहण कोई भी हो, इसे लेकर भयभीत होने की जरूरत नहीं है. इसे तो सिद्धियों का महापर्व माना जाता है, इसलिए ऋषि इसे सिद्धिकाल कहते थे. भगवान श्रीराम ने गुरु वशिष्ठ और श्रीकृष्ण ने संदीपन गुरु से ग्रहण काल में ही दीक्षा ली थी. शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद पड़ने वाला सूर्यग्रहण बहुत प्रभावी नहीं रहता है.
भारत सहित इन देशों में रहेगा प्रभावी
भारतीय समय के अनुसार ग्रहण का स्पर्श दिन में 4:31 बजे होगा, मध्य 5:14 बजे एवं मोक्ष 5:57 बजे होगा. इसका सूतक भारतीय समय अनुसार प्रातः 4:31 बजे से प्रारंभ होगा. ग्रहण स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर है, इसलिए इस नक्षत्र और राशि वालों को रोग, पीड़ा , कष्ट रहेगा. इस नक्षत्र एवं राशि वालों को ग्रहण का दर्शन नहीं करना चाहिए. यह ग्रहण भारत सहित ग्रीनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे , यूनाईटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यमन, ओमान, सऊदी अरब, इजिप्ट, इटली, पोलैंड, रोमानिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, टर्की, इराक, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तरी एवं पश्चिमी श्रीलंका, मॉस्को, पश्चिमी रूस, नेपाल व भूटान में दिखेगा.