Vastu Tips: जानें घर के आसपास लगाएं कौन से पौधे, फर्नीचर बनाते समय लकड़ी में भी बरतें सावधानी
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Vastu Tips: जानें घर के आसपास लगाएं कौन से पौधे, फर्नीचर बनाते समय लकड़ी में भी बरतें सावधानी

Vastu Tips for Plants: घर में बरकत के लिए जरूरी है कि वास्तु के अनुसार, पौधे लगाएं जाएं. ऐसा न करने से सुख-समृद्धि का तो नाश होता ही है, साथ ही कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.

 

वास्तु टिप्स

Vastu Tips for Home Plants: शानदार कोठी या बाग बगीचेदार घर बनाना हो या फिर बना-बनाया खरीदना हो तो उसके आसपास लगे पेड़ों पर भी ध्यान देना चाहिए. वास्तुशास्त्र में घर के आसपास लगे पेड़ों का अलग-अलग प्रभाव बताया गया है. घर के आसपास अगर प्राकृतिक रूप से पेड़ उगाए जाएं या ऐसे पेड़ों की छाया पड़े तो आप और आपके परिवार पर उनका कैसा प्रभाव होगा. यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.

1- अगर घर के पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा हो तो घर में भय और निर्धनता व्याप्त हो सकती है. जबकि, घर के पूर्व में बरगद का पेड़ मनोकामना पूरी करता है. 

2- अग्निकोण में लगा अनार का पेड़ शुभ फल देता है, लेकिन इस दिशा में बरगद, पीपल, पाकड़ और गूलर का पेड़ मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाला होता है. 

3- दक्षिण दिशा में पाकड़ और कांटेदार पेड़ होने से घर में रोग और मुकदमे में हार होती है. 

4- दक्षिण में गूलर का पेड़ फलदायक होता है. घर के पश्चिम में आम और बरगद का वृक्ष होने से सरकारी मुकदमें, घर की महिलाओं व बच्चों को तकलीफ और चोरी की आशंका रहती है. 

5- उत्तर दिशा में गूलर और नींबू का पेड़ आंखों की बीमारी देता है. 

6- तुलसी हमेशा घर के पूर्व या उत्तर की ओर ही लगानी चाहिए. दक्षिण में तुलसी कठोर यातना और कारागार का भय देती है. 

7- घर के आगे या पीछे कांटे या दूध वाले कैक्टस के पेड़ लगाने से शत्रु का भय और धन का नाश होता है. 

8- घर के पिछवाड़े या दक्षिण की ओर फलदार वृक्ष शुभ होते हैं, किंतु पूर्व और उत्तर दिशा में फलदार पेड़ लगाने से संतान पीड़ा या बुद्धि का नाश होता है. अगर फलहीन पेड़ की छाया घर पर दोपहर बाद पड़े तो रोग और आपात कष्ट आते हैं.

फर्नीचर के लिए शुभ और अशुभ लकड़ी

घर का निर्माण करते समय किस प्रकार की लकड़ी घर के फर्नीचर में लगानी चाहिए, इसका उल्लेख आचार्य वराहमिहिर ने अपनी पुस्तक वराह संहिता में किया है. उन्होंने लिखा है कि श्मशान के आसपास लगे पेड़, मेन रोड के आसपास लगे पेड़, देव मंदिर में लगे पेड़, दीमक या बिजली गिरने से कटे हुए पेड़, आंधी से उखड़े हुए वृक्ष और साधु संतों के आश्रम में लगे हुए पेड़ काटकर कभी भी घर का फर्नीचर, दरवाजे और खिड़कियां नहीं बनाने चाहिए. हमेशा ही देवदार, टीक, चंदन, महुआ, नीम, पीपल, शीशम, खैर, तुन और जंगली बांस के सीधे पेड़ की लकड़ी से ही फर्नीचर, खिड़की-दरवाजे बनवाने चाहिए. इसके विपरीत वास्तु में वर्जित लकड़ियों का इस्तेमाल करने से वास्तु दोष होता है. इससे घर की सुख शांति भंग होती है.

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