Vastu Tips for shoes: जिस तरह सिर की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहना जाता है उसी तरह पैरों की सुरक्षा के लिए जूता पहना जाता है. क्या आप जानते हैं कि जूतों की केयर करने और रोजाना उनमें पॉलिश करने से बरकत आती है.
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Vastu Tips for shoes 2022: हम सभी जानते हैं कि सस्ते हेलमेट दुर्घटना के समय साथ नहीं देते और टूटकर सिर में चोट लग जाती है, ठीक उसी तरह पैरों में काम चलाऊ जूते पहने तो उनसे पैरों की रक्षा नहीं हो पाती है. जूतों को लोग चरण पादुका या फुटवियर भी कहते हैं. जिस तरह आप अपने पैरों की देखभाल करते हैं और गंदगी लगने पर उसे ठीक से साफ करते हैं, वैसे ही अपने फुटवियर की भी देखभाल करनी चाहिए. जब आप जूतों में पॉलिश या ब्रशिंग करके सफाई करते हैं तो स्वयं के अहंकार का नाश होता है.
पदों का होता है सम्मान
सिख पंथ में जोड़ों की सेवा को सबसे बड़ी सेवा माना गया है. कहीं बाहर से आने पर अपनी पादुकाओं यानी फुटवियर को बहुत ही सलीके से एक जगह रखना चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि घर के अंदर के लिए पादुकाएं अलग और बाहर की अलग होनी चाहिए. यह स्वास्थ्यवर्धक तो है ही, इससे पदों का भी सम्मान भी होता है.
व्यक्तित्व को रिप्रजेंट करते हैं जूते
जूते किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को रिप्रजेंट करते हैं, तभी भरत ने श्रीराम की पादुकाएं यानी खड़ाऊं सिंहासन पर रख कर 14 वर्षों तक अयोध्या की राज व्यवस्था का संचालन किया. किसी भी संत का सबसे बड़ा आशीर्वाद संत की चरण पादुकाएं प्राप्त करना ही होता है. सिद्ध पुरुषों के पादुका चिह्न का पूजन किया जाता है.
ऊर्जा को धरती में समाहित होने से रोकते हैं जूते
रोम के दार्शनिक पायथागोरस ने भी लोगों को सही तरीके से जूते धारण करने के विषय में कहा था. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि सही जूते आत्मा को शुद्ध रखने में काम आते हैं. चरण पादुका के इस महत्व को यदि वैज्ञानिक तरीके से समझा जाए तो यह पूरी भौतिक ऊर्जा एवं आध्यात्मिक ऊर्जा को धरती में समाहित होने से रोकने का कार्य करती है. इसलिए पहले लकड़ी की खड़ाऊं पहनी जाती थी.
बाधाओं को करते हैं दूर
पादुका शब्द पद से बना है. पद यानी पोस्ट और पदोन्नति यानी प्रमोशन. जो लोग अपने पैरों की केयर करते हैं वह निस्संदेह उच्च पद पर बैठते हैं. जूते आपके मार्ग के कंटक यानी बाधाओं से दूर करते हैं.
इन बातों का भी रखें ध्यान
किसी गैर पारिवारिक व्यक्ति से जूते न तो गिफ्ट लेने चाहिए और न ही किसी को गिफ्ट देने चाहिए. जूतों को एक रैक में रखना चाहिए और रोज धुले हुए मोजे ही धारण करने चाहिए. किसी के अंतिम संस्कार में नए जूते पहनकर नहीं जाना चाहिए. एक बात और विशेष ध्यान देने वाली है कि हमेशा अपनी नाप के ही जूते पहनें, बड़े या छोटे नहीं. पैरों को आराम देने वाले जूते ही पहनने चाहिए.
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