Mundan Ceremony: नहीं जानते होंगे बच्‍चे का मुंडन कराने के पीछे का ये कारण, दिमाग से है सीधा संबंध!
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Mundan Ceremony: नहीं जानते होंगे बच्‍चे का मुंडन कराने के पीछे का ये कारण, दिमाग से है सीधा संबंध!

Why Mundan Sanskar: हिंदू धर्म में बच्‍चे के जन्म के कुछ समय बाद उसका मुंडन कराने या सिर मुंडवाने की परंपरा है. 16 संस्‍कारों में मुंडन संस्‍कार को बहुत अहम माना जाता है और इसके पीछे धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी हैं. 

फाइल फोटो

Significance of Mundan Sanskar in Hindi: हिंदू धर्म में जन्‍म से लेकर मृत्‍यु तक के 16 संस्‍कार बताए गए हैं. इन सभी संस्‍कारों के पीछे कोई न कोई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं. इन्‍हीं में से एक संस्‍कार है मुंडन संस्‍कार. आमतौर पर बच्‍चे के जन्‍म के एक साल के अंदर ही मुंडर संस्‍कार किया जाता है लेकिन मराठी समुदाय में बच्‍चे के 7 साल का होने तक मुंडन संस्‍कार किया जा सकता है. कुछ लोगों में मुंडन संस्‍कार की परंपरा शादी की तरह बहुत धूमधाम से निभाई जाती है. 

ऐसे होता है मुंडन संस्‍कार 

मुंडन संस्‍कार आमतौर पर बच्चे के पहली साल के आखिर में या फिर तीसरे, पांचवें या सातवें वर्ष में किया जाता है. बच्‍चे के बाल उतारने की इस प्रक्रिया में घर-परिवार के अलावा रिश्‍तेदार भी हिस्‍सा लेते हैं. इसमें धार्मिक अनुष्‍ठान के बाद बच्‍चे के बाल उतारे जाते हैं, फिर उसके सिर पर हल्‍दी से स्‍वास्तिक बनाया जाता है, या पूरे सिर पर ही हल्‍दी का लेप लगाया जाता है. इस मौके पर कुछ अन्‍य रीति-रिवाज भी निभाए जाते हैं. 

मुंडन संस्‍कार के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण 

बच्चों का मुंडन संस्कार करने के पीछे कई वैज्ञानिक और धार्मिक कारण हैं. धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार मुंडन संस्कार के बाद ही बच्चे को दिमागी विकास सही ढंग से हो पाता है. वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो नवजात शिशु के बाल में कई तरह की अशुद्धियां होती हैं इसलिए इन्हें काटना बेहतर होता है. ऐसा करने से बच्‍चे का कई तरह के इंफेक्‍शन से बचाव होता है और उसके मन-मस्तिष्‍क पर बुरा असर नहीं पड़ता है. 

वहीं मुंडन के बाद सिर पर हल्‍दी लगाने का भी बड़ा महत्‍व है. हिंदू धर्म में हल्‍दी का संबंध भगवान विष्‍णु और गुरु ग्रह से है. बच्‍चे का मुंडन करने के बाद हल्‍दी लगाने से उसका सौभाग्‍य बढ़ता है. वहीं वैज्ञानिक नजर से देखें तो हल्दी एंटीबायोटिक की तरह काम करती है और मुंडन के बाद बच्‍चे को बीमारियों से बचाती है. वहीं स्‍वास्तिक का चिह्न सनातन धर्म में बेहद शुभ माना गया है. बच्‍चे के बाल उतारने के बाद सिर पर हल्‍दी से स्‍वास्तिक बनाने से उसका सहस्रार चक्र सक्रिय होता है, जो कि शरीर को नियंत्रित करता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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