Delhi में कार-बाइक चलाने वाले अलर्ट! DL-RC के अलावा जरूरी हुआ यह सर्टिफिकेट, चप्पे-चप्पे पर चेकिंग
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Delhi में कार-बाइक चलाने वाले अलर्ट! DL-RC के अलावा जरूरी हुआ यह सर्टिफिकेट, चप्पे-चप्पे पर चेकिंग

Delhi PUCC Rule: दिल्ली परिवहन विभाग ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वाहन चालकों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है. अब आपको पेट्रोल या डीजल भरवाने से लेकर सड़क पर वाहन चलाने तक के लिए PUC सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. 

Delhi में कार-बाइक चलाने वाले अलर्ट! DL-RC के अलावा जरूरी हुआ यह सर्टिफिकेट, चप्पे-चप्पे पर चेकिंग

Pollution Under Control Certificate Delhi: अगर आप राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वाहन चला रहे हैं तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है. दिल्ली परिवहन विभाग ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वाहन चालकों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है. अब आपको पेट्रोल या डीजल भरवाने से लेकर सड़क पर वाहन चलाने तक के लिए PUC सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. वाहनों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) प्राप्त नहीं करने वाले वाहन मालिकों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) के निलंबन का सामना करना पड़ सकता है.

दिल्ली परिवहन विभाग उन वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर रहा है, जिनके पास वैध पीयूसीसी (pollution under control certificate) नहीं है. नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अगर वे पीयूसीसी प्राप्त नहीं करते, तो उनके वाहन की आरसी निलंबित की जा सकती है. एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ऐसे करीब 19 लाख वाहन हैं, जिनके पास वैध पीयूसीसी नहीं है. इसकी जांच के लिए दल गठित किए गए हैं. वाहन मालिकों को SMS भी भेजे जा रहे हैं कि एक सप्ताह के भीतर वैध पीयूसीसी प्राप्त नहीं करने पर उनका पंजीकरण प्रमाणपत्र निलंबित किया जा सकता है.’’

25 अक्टूबर से नहीं मिलेगा फ्यूल
दिल्ली में बिना वैध पॉलुशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) के वाहनों को 25 अक्टूबर से पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक, PUC सर्टिफिकेट नहीं होने पर दिल्ली में पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा. इसी के साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा. मोटर रूल एक्ट (motor rule act) के मुताबिक 10 हजार जुर्माना देना होगा और जेल भी जाना पड़ सकता है.

PUC प्रमाणपत्र क्या है?
दिल्ली मोटर वाहन नियम, 1993 के अनुसार PUC प्रमाणपत्र निर्धारित करता है कि वाहन के निकास से प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर है. अगर वाहन emission मानदंडों को पूरा करता है तभी प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं और अगर वाहन प्रदूषणकारी पाया जाता है, तो वाहन की मरम्मत या ट्यूनिंग निर्धारित की जाएगी.

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