आने वाले समय में सस्ते हों सकते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल, GST दर घटा सकती है सरकार
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आने वाले समय में सस्ते हों सकते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल, GST दर घटा सकती है सरकार

जीएसटी काउंसिल की बैठक 21 जून को होने जा रही है. केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद जीएसटी परिषद की यह पहली बैठक है. कुछ दिन बाद सरकार संसद में बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में इस बार होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है.

आने वाले समय में सस्ते हों सकते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल, GST दर घटा सकती है सरकार

नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक 21 जून को होने जा रही है. केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद जीएसटी परिषद की यह पहली बैठक है. कुछ दिन बाद सरकार संसद में बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में इस बार होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. सरकार इस बैठक में कुछ बड़े फैसले ले सकती है. सूत्रों के अनुसार सरकार इसमें 18 प्रतिशत के स्लैब में आने वाले सामान और सर्विस को कम कर सकती है.

इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों के शेयर में उछाल

काउंसिल की बैठक से पहले सूत्रों का कहना है कि सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पर लगने वाले जीएसटी को भी कम कर सकती है. इस खबर के मीडिया में आने के बाद स्टॉक मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों के शेयर में उछाल आया है. इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पर इस समय 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है. सरकार इसे घटाकर 5 फीसदी पर लाने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा ईवी चार्ज पर भी जीएसटी घटाकर 12 प्रतिशत किए जाने पर विचार किया जा रहा है.

इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन दे रही सरकार
इस खबर के बाद हिमाद्री केमिकल्स, Indigo Fut और Olectra Greentech लिमिटेड के शेयर बाजार में अच्छा ट्रेड कर रहे हैं. Olectra Greentech लिमिटेड के शेयर में 6.64 फीसदी का उछाल आया है. बता दें कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और पेट्रोलियम ईंधन पर बढ़ती निर्भरता को कम करने के लिए सरकार भी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन दे रही है.

नीति आयोग ने एक रोडमैप तैयार किया है जिसमें 2030 में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन बेचे जाने की योजना है. सरकार की योजना है कि 2023 से सभी दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को बिजली से चलना चाहिए और 2026 से सभी वाणिज्यिक वाहन इलेक्ट्रिक होने चाहिए. जानकार बताते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स की दरें कम होने से भारत का बाजार अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सुलभ हो जाएगा.

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