Petrol vs Diesel Car: डीजल खरीदें या पेट्रोल कार? आज ही दूर हो जाएगा कन्फ्यूजन, यहां समझें पूरा गणित
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Petrol vs Diesel Car: डीजल खरीदें या पेट्रोल कार? आज ही दूर हो जाएगा कन्फ्यूजन, यहां समझें पूरा गणित

बहुत से खरीदार इस कनफ्यूजन में रहते हैं कि उन्हें पेट्रोल गाड़ी खरीदनी चाहिए या डीजल गाड़ी. सही फैसला क्या होगा, यह कई अलग-अलग पहलुओं पर निर्भर करता है. इसमें कार की कीमत से लेकर मेंटेनेंस कॉस्ट तक शामिल है. 

 

Petrol vs Diesel Car: डीजल खरीदें या पेट्रोल कार? आज ही दूर हो जाएगा कन्फ्यूजन, यहां समझें पूरा गणित

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कार खरीदार अब नए विकल्प तलाशने लगे हैं. जिन्हें ज्यादा माइलेज चाहिए उनके लिए डीजल कारें हमेशा से पहली च्वाइस रही हैं. लेकिन डीजल कारों के अपने अलग फायदे और नुकसान हैं. बहुत से खरीदार इस कनफ्यूजन में रहते हैं कि उन्हें पेट्रोल गाड़ी खरीदनी चाहिए या डीजल गाड़ी. सही फैसला क्या होगा, यह कई अलग-अलग पहलुओं पर निर्भर करता है. इसमें कार की कीमत से लेकर मेंटेनेंस कॉस्ट तक शामिल है. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ पॉइंट्स बताने जा रहे हैं, जिनके जरिए आप फैसला कर पाएंगे कि आपको पेट्रोल कार लेनी चाहिए या डीजल

1. कार की कीमत
जब भी हम कार खरीदते हैं तो दिमाग में एक बजट लेकर चलते हैं. सबसे पहले देखें कि कार की डीजल वेरिएंट आपके बजट में फिट हो रहा है या नहीं. आपको यह भी बता दें कि पेट्रोल वेरिएंट के मुकाबले डीजल वेरिएंट की कीमत करीब 1 लाख रुपये तक ज्यादा होती है. 

2. कार का माइलेज
जाहिर तौर पर डीजल गाड़ी में आपको ज्यादा माइलेज मिलता है. पेट्रोल गाड़ी का फायदा होता है कि इसमें आपको बढ़िया शुरुआती पावर मिलती है, वहीं डीजल कार ऊंचे गियर में बढ़िया परफॉर्मेंस देती है. इसका सीधा मतलब है कि अगर आपको गाड़ी सिर्फ सिटी में ड्राइव करनी है, और छोटी दूरी तय करनी है तब पेट्रोल कार बढ़िया रहेगी. जबकि लंबी दूरी की यात्राओं के लिए डीजल कार में फायदा रहेगा. 

3. मेंटेनेंस कॉस्ट 
कार की कीमत की तरह ही पेट्रोल और डीजल कारों की मेंटेनेंस कॉस्ट भी अलग-अलग होती है. डीजल कारों की मेंटेनेंस कॉस्ट पेट्रोल कार के मुकाबले ज्यादा होती है. सर्विस और मेंटेनेंस में इसका खर्चा 1000 से 2000 रुपये ज्यादा रहता है. 

4. लाइफ साइकल
दोनों गाड़ियों की लाइफ साइकल भी अलग-अलग होती है. दिल्ली-एनसीआर में पेट्रोल कारों को 15 साल और डीजल कारों को सिर्फ 10 साल इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बाद, डीजल कार को या तो किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर कराएं, नहीं तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा. 

5. प्रदूषण

दोनों गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का लेवल भी अलग-अलग है. डीजल कार पर्यावरण के लिए ज्यादा नुकसानदायक हैं. पेट्रोल के मुकाबले डीजल कारों से NO2 का उर्त्सन ज्यादा होता है. 

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