Diesel Vehicles: हुंडई मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि 'पर्यावरण अनुकूल परिवहन व्यवस्था की दिशा में बदलाव पहले से ही हो रहा है, हालांकि, यह रातोरात नहीं होगा.'
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Diesel Vehicles Sales In Future: कार बनाने वाली प्रमुख कंपनियों मारुति सुजुकी इंडिया और हुंडई मोटर इंडिया ने कहा कि सख्त उत्सर्जन नियमों से खरीद लागत बढ़ने के साथ कुल यात्री वाहनों में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी घट सकती है. कंपनियों ने कहा कि डीजल वाले यात्री वाहनों की बिक्री पहले से ही घट रही है. मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने वाहन कंपनियों के संगठन सियाम (SIAM) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, ‘‘यह स्वाभाविक है. जैसे-जैसे उत्सर्जन नियम सख्त होते जाएंगे, खरीद लागत बढ़ती जाएगी और इससे डीजल वाहनों की बिक्री में गिरावट तेज होगी.’’
यात्री वाहनों में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी घटी
श्रीवास्तव के अनुसार, ज्यादातर विनिर्माताओं ने घोषणा की है कि वह अब डीजल वाहन नहीं बनाएंगे. उन्होंने कहा कि '2013-14 में यात्री वाहनों में डीजल वाले वाहनों की हिस्सेदारी 53.2 प्रतिशत थी. यह चालू वित्त वर्ष (2023-24) में अप्रैल-अगस्त के दौरान 18.2 प्रतिशत पर आ गई है.' श्रीवास्तव ने कहा कि 'डीजल और पेट्रोल के बीच कीमत का अंतर कम होने से अब डीजल वाहनों को चलाने की लागत पर लाभ कम हो गया है.'
उन्होंने कहा कि 'इसके अलावा उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए कारखानों और वाहनों में बदलाव की लागत काफी बढ़ सकती है. वहीं, खरीद लागत बढ़ने के साथ, बचत पर्याप्त नहीं है. ऐसे में डीजल वाहन खरीदने को लेकर जो आर्थिक तर्क दिया जाता था, वह अब खत्म हो गया है.'
हुंडई की ओर से तरुण गर्ग ने क्या कहा?
हुंडई मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि 'ग्राहकों की बदलती पसंद के कारण इस साल जनवरी-अगस्त के दौरान कंपनी के वाहनों में डीजल गाड़ियों की हिस्सेदारी घटकर 18 प्रतिशत रह गई, जो पहले 30 प्रतिशत थी.' उन्होंने डीजल वाहनों के भविष्य के बारे में कहा कि 'कंपनी की जिम्मेदारी है कि ग्राहक को जो भी चाहिए, उसे मुहैया कराया जाए. कंपनी जब तक सभी मानदंडों को पूरा करेगी, वह इसे जारी रखेगी.'