Maharashtra News: महाराष्ट्र की महायुति की 'महा-मजबूत सरकार' के अंदर कुछ खटपट की आवाजें सुनाई दे रही हैं. ताजा मामला ये है कि राज्य सरकार के 9 मंत्रियों ने विभाग बंटवारे के बावजूद अभी तक पद नहीं संभाला है. कहा जा रहा है कि इन मंत्रियों ने नाराजगी की वजह से ऐसा किया है.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति ने सरकार तो बना ली है लेकिन ऐसा लग रहा है कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. चुनाव के पहले से ही चला आ रहा कथित अंदरूनी विवाद कैबिनेट विस्तार के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. 25 नवंबर को 39 मंत्रियों ने शपथ ली थी लेकिन अभी तक 9 मंत्रियों ने अपना पद नहीं संभाला है. कहा जा रहा है कि ये मंत्री पसंद का मंत्रालय नहीं मिलने की वजह से नाराज चल रहे हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि 'नाराज मंत्री' अपने विभाग पर ध्यान देने की बजाए नए साल के जश्न के लिए निकल गए हैं.
20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के पहले से महायुति (भाजपा, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना और अजित पवार वाली एनसीपी) में अंदरूनी कलह की बात कही जा रही है. सूत्रों के हवालों से खबरें मिली थी कि सबसे पहले सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी हुई थी. इसके बाद जब नतीजे उम्मीद से बेहतर आ गए तो सरकार के गठन में भी परेशानी का सामना करना पड़ा. 23 नवंबर को नतीजे आने के 13 दिन बाद देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. जबकि पिछले सीएम एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं अजित पवार फिर से उपमुख्यमंत्री बने हैं.
लंबे समय तक इंतेजार करने के बाद राज्य को मुख्यमंत्री मिल गया, हालांकि बाद सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुई. इसके बाद मंत्रालयों को लेकर गठबंधन की पार्टियों में खींचतान देखने मिली. तीनों ही पार्टियां अपनी-अपनी पसंद के मंत्रालय चाहती थी. इसको लेकर भाजपा आला कमान के साथ अजित पवार और एकनाथ शिंदे की राष्ट्रीय राजधानी में कई दौर की बैठकें भी देखने को मिलीं. लंबी जिद्दोजहद और खींचतान को पार करते हुए आखिर में सरकार गठन के 20 दिन बाद कैबिनेट विस्तार किया गया और 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. इनमें से ज्यादातर ने तो अपना पद ग्रहण कर लिया है लेकिन 9 मंत्री अभी भी ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ शपथ ही ली लेकिन कार्यभार नहीं संभाला है. आईएएनएस के सूत्रों के मुताबिक, कुछ मंत्री अपनी पसंद का विभाग नहीं मिलने से नाराज चल रहे हैं.
मंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं में नाराजगी की पुष्टि खुद राज्य के उपमुख्यमंत्री ने भी की है. एनसीपी प्रमुख अजित पवार और डिप्टी सीएम ने कहा था कि कुछ सदस्य स्वाभाविक रूप से खुश नहीं हैं. अजित पवार का यह बयान मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद आया था. ऐसे में कहा अब साफ तौर पर कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार मजबूती के साथ जीतक तो आई है लेकिन सरकार अंदर से मजबूत नहीं दिखाई दे रही है.
नतीजे आने के बाद से जारी महायुति की इस कथित कलह पर विपक्ष लगातार हमलावर है. मंत्रियों के पद ना संभालने को लेकर एनसीपी (शरद पवार) प्रवक्ता महेश तापसे ने निशाना साधा. उन्होंने कहा,'वर्तमान सरकार के मंत्रियों को पता है कि सरकार के पास अभी आर्थिक नियोजन और सरकार चलाने के लिए जो प्लानिंग होती है, वो नहीं है. इसलिए अभी कुछ मंत्री आराम से बैठे हुए हैं.'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में 20 नवंबर को एक ही चरण में पूरे राज्य में चुनाव हुए थे. जिसमें 66.05% मतदान दर्ज किया गया. चुनाव नतीजों में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, और अजित पवार की एनसीपी) ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीटों के साथ भारी जीत हासिल की. जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन (कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी) की कोई भी पार्टी विपक्ष के नेता पद के लिए आवश्यक सीटें नहीं जीत सकी, जो छह दशकों में पहली बार हुआ.