सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा को लेकर बाइक सवारों के लिए कई नियमों को अनिवार्य कर दिया है. नियम के तहत बाइक पर पीछे बैठने वालों के लिए सेफ्टी हैंडल होना जरूरी होगा.
Trending Photos
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा को लेकर बाइक सवारों के लिए कई नियमों को अनिवार्य कर दिया है. नियम के तहत बाइक पर पीछे बैठने वालों के लिए सेफ्टी हैंडल होना जरूरी होगा. सेंट्रल व्हीकल मोटर रूल्स 123 के तहत बाइक का रजिस्ट्रेशन तभी हो सकता है, जब उसमें पीछे बैठने वालों की सेफ्टी के लिए सेफ्टी हैंडल, फुट रेस्ट और प्रटेक्टिव डिवाइस (पहियों को ढकने के उपकरण) लगे हों. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को बहाल रखा है, जिसमें हाईकोर्ट ने सेंट्रल व्हीकल मोटर रूल्स का पालन करने को कहा था.
पढ़ें: Auto Expo में लॉन्च हुआ कंफर्ट ई-ऑटो, 80 KM का है माइलेज
दरअसल, यह मामला मध्यप्रदेश से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ज्ञान प्रकाश की ओर से 6 मार्च 2007 को अर्जी दाखिल कर कहा गया कि कई व्हीकल मैन्युफैक्चरर रूल 123 का उल्लंघन करते हैं. रूल 123 के अनुसार बाइक निर्माण के वक्त ही उसमें ड्राइविंग करने वालों के पीछे या फिर साइड में हैंड ग्रिप लगाई जानी चाहिए. इसके साथ ही फुट रेस्ट और प्रटेक्टिव डिवाइस भी होनी चाहिए.
नियमों का पालन नहीं करतीं ऑटोमोबाइल कंपनियां
दरअसल, याचिकाकर्ता ज्ञान प्रकाश जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के रिटायर्ड इंजीनियर हैं. उन्होंने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऑटोमोबाइल कंपनियां पीछे बैठने वाली सवारी के लिए सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रही हैं. इससे कई लोगों की जान जा चुकी है. ज्ञान प्रकाश ट्रैफिक एन्वायरमेंट एंड सेफ्टी फोरम के जरिए से लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करते हैं.
इम्पोर्टेड बाइक को असेंबल करने वाली कंपनियों पर पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का असर सबसे ज्यादा उन ऑटोमोबाइल कंपनियों पर पड़ेगा, जो विदेशों से इम्पोर्टेड मोटरसाइकिल को असेंबल करती हैं. कई देशों में साइड गार्ड या इस तरह के अन्य सेफ्टी फीचर के नियम नहीं हैं. इसके साथ ही पीछे की सवारी के लिए बीच सीट में ग्रिप हैंडल को लेकर देश की कंपनियों को सुधार करना होगा. वैसे देश में बनने वाली और इम्पोर्टेड बाइक में साइड गार्ड पहले से ही लगे हैं.