Tubeless Tyres Vs Tube Tyres: आपके सामने जब भी कभी टायर्स की बात आई होगी तो ट्यूबलेस टायर और ट्यूब वाले टायर्स का जिक्र जरूर हुआ होगा. ऐसे में बहुत से लोग कंफ्यूज रहते हैं कि उनके वाहन के लिए ट्यूबलेस टायर ज्यादा बेहतर हैं या फिर ट्यूब वाले टायर्स ज्यादा बेहतर होंगे.
Trending Photos
Tubeless Tyres & Tube Tyres: आपके सामने जब भी कभी टायर्स की बात आई होगी तो ट्यूबलेस टायर और ट्यूब वाले टायर्स का जिक्र जरूर हुआ होगा. ऐसे में बहुत से लोग कंफ्यूज रहते हैं कि उनके वाहन के लिए ट्यूबलेस टायर ज्यादा बेहतर हैं या फिर ट्यूब वाले टायर्स ज्यादा बेहतर होंगे. यह काफी हद तक वाहन पर भी निर्भर करता है लेकिन इसके अलावा ट्यूबलेस टायर और ट्यूब वाले टायर्स के अपने अलग-अलग फायदे हैं. चलिए, आपको बताते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर होता है.
Tubeless Tyres
हाल के कुछ सालों में ट्यूबलेस टायरों ने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है. दरअसल, ट्यूबलेस टायर्स के कई फायदे हैं. पंचर होने पर भी यह ज्यादा दूर तक तक चलने की क्षमता रखते है. ट्यूबलेस टायर, जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि वह टायर जो ट्यूबलेस हों यानी जिनमें ट्यूब ना हो. इनमें एयर यानी हवा रोकने के लिए इंटरनल ट्यूब का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि टायर और रिम के बीच एयरटाइट सील होती है, जिससे हवा के रिसाव को रोका जाता है.
टायर में छोटा पंचर हो जाए तब भी यह हवा का रिसाब नहीं होता है या फिर बहुत कम होता है. इनके साथ, पंचर की स्थिति में भी ज्यादा दूरी तय की जा सकती है. ट्यूबलेस टायरों का एक फायदा यह भी है कि उनसे बेहतर हैंडलिंग और स्टेबिलिटी मिल पाती है. इनर ट्यूब न होने के कारण, टायर के साइडवॉल्स को सख्त बनाया जाता है.
इनमें कॉर्नरिंग ग्रिप अच्छी मिलती है और ज्यादा रिस्पॉन्सिव ड्राइविंग एक्सपीरियंस मिल पाता है. ट्यूबलेस टायरों में आमतौर पर रोलिंग रेजिस्टेंस भी कम होता है, जिससे माइलेज बेहतर रहता है. अगर इनके नुकसान की बात करें तो असल में यह ट्यूब वाले टायर्स के मुकाबले महंगे होते हैं और खास इनके लिए डिजाइन किए रिम्स पर ही फिट होते हैं.
Tube Tyres
ट्यूब टायर्स का इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये वह टायर होते हैं, जिनमें ट्यूब होती है. ट्यूब टायरों का सबसे बड़ा फायदा है कि यह सस्ते होते हैं. ट्यूबलेस टायरों की तुलना में इन्हें बनाना और बदलना आम तौर पर कम खर्चीला होता है. हालांकि, इनका नुकसान है कि पंचर की स्थिति में यह ज्यादा नहीं चल पाते हैं.
इसके अलावा, अगर ट्यूब टायर पंचर हो जाता है, तो इसे पैच करके या इंटरनल ट्यूब को बदलकर आसानी से ठीक किया जा सकता है, जिसमें कम खर्चा आता है. यह ज्यादा रिम्स के साथ कंपैटिबल होते हैं जबकि ट्यूबलेस टायरों को एयरटाइट सील बनाने के लिए स्पेसिफिक तौर पर डिज़ाइन किए गए रिम्स की जरूरत होती है.
यह भी पढ़ें-
ये 10 शानदार फीचर्स चाहिए तो भूलकर भी ना लें Citroen C3 Aircross! वरना बहुत पछताओगे
ये SUV लॉन्च हुई तो Toyota Fortuner को खा जाएगी! मिलेंगे गजब-गजब के फीचर्स