Akshaya Tritiya 2023: जानिए क्यों है हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
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Akshaya Tritiya 2023: जानिए क्यों है हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का महत्व, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Akshaya Tritiya 2023:  हर साल की तरह  वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा.  इस दिन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग अक्षय तृतीया के दिन शुरू हुआ था. अक्षय तृतीया का पर्व मुख्य कारणों से मनाया जाता है. 

अक्षय तृतीया महत्व

Akshaya Tritiya Importance in Hindi: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है. आपको बता दें कि हर साल की तरह  वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा.  संस्कृत में अक्षय का अर्थ है 'शाश्वत, खुशी, सफलता और आनंद की कभी न खत्म होने वाली भावना' और तृतीया का अर्थ है 'तीसरा'. इस दिन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग अक्षय तृतीया के दिन शुरू हुआ था. अक्षय तृतीया का पर्व मुख्य कारणों से मनाया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि ये मुख्य कारण कौन- से हैं. 

इस वजह से खास है अक्षय तृतीया 

मां गंगा से है संबंध - हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही स्वर्ग से धरती पर माता गंगा अवतरित हुई थी. बताया जाता है कि मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित कराने के लिए राजा भगीरथ में हजारों वर्ष तक तपस्या की थी. यही खास वजह है कि इस दिन अगर आप गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं तो आपके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.  

माता अन्नपूर्णा का हुआ था जन्म -  इसके अलावा बताया जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन माता अन्नपूर्णा की उत्पत्ति अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से भोजन का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है. साथ ही इस दिन गरीबों को भोजन कराने का विधान होता है और माना जाता है कि अगर इस दिन लोगों को भोजन कराया जाए तो घर में भोजन की कमी नहीं होती है.

महाभारत लिखने का आरंभ - सनातन धर्म में महाभारत को पांचवे वेद के रूप में माना जाता है और महर्षि वेदव्यास ने अक्षय तृतीया के दिन से ही महाभारत लिखना शुरू किया था. महाभारत में ही श्रीमद्भागवत गीता समाहित है और अक्षय तृतीया के दिन गीता के 18वें अध्याय का पाठ करना शुभ माना जाता है.

अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम ने महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका देवी के घर जन्म लिया था.  मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा करने का भी विधान होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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