Mahastami Puja Niyam: अष्टमी के दिन मां महागौरी जबकि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इन नियमों का पालन ना करने से देवी मां नाराज होती है.
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Mahastami Ke Upay : नवरात्री में अष्टमी और नवमी के दिन की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है. इसकी पूजा में कई चीजों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है. माना जाता है कि इन नियमों का पालन ना करने से देवी मां नाराज होती है. इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 29 मार्च और नवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. अष्टमी के दिन मां महागौरी जबकि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इन दोनों दिन में से किसी भी एक दिन आप कन्या पूजन और हवन कर सकते हैं. आइए जानते हैं, इन दोनों दिन कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए.
अष्टमी और नवमी को क्या करें और क्या न करें-
- अष्टमी और नवमी इन दोनों दिन देर तक सोने से बचना चाहिए. इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके माता रानी का पाठ करें। यदि आप ने व्रत नहीं भी रखा है तो भी जल्दी स्नान करके पूजा अवश्य करें.
महानवमी के दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े ना पहनें. इस दिन बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ होता है. कहा जाता है कि यह रंग मां सिद्धिदात्री को प्रिय है, इसलिए इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं.
- मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा पूरे मन से करनी चाहिए. भक्तिभाव से दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. इस दौरान मन बिल्कुल पूजा में केंद्रित होना चाहिए. पूजा के दौरान किसी से बात करना बिल्कुल भी उचित नहीं माना जाता है.
- अष्टमी या फिर नवमी के दिन हवन जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि इसके बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है. हवन के दौरान ध्यान रखें कि हवन सामग्री कुंड के बाहर ना गिरे.
अगर आपने अष्टमी का व्रत रखा है तो महानवमी के दिन कन्या पूजन और उन्हें विदा करने के बाद ही पारण कर के अपना व्रत खोलें. इससे माता रानी खुश होती हैं और आपकी हर मनोकामना पूरी करती हैं.
- महानवमी के दिन हलवा पूरी और चने से ही अपना व्रत खोलें. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि नवमी के दिन भूलकर भी लौकी या कद्दू न खाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)