Foreign Travel Astrology: विदेश जाने की चाह किसको नहीं होती है. हर कोई चाहता है कि जीवन में एक बार विदेश होकर जरूर आएं. ज्योतिष शास्त्र में किसी जातक के विदेश जाने के योग कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण बनते हैं.
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Remedies for Going Abroad: विदेश यात्रा हर कोई करना चाहता है. कोई नौकरी की चाह में विदेश जाने की तमन्ना रखता है तो कोई पढ़ाई जाने के लिए विदेश जाना चाहता है. विदेश जाने के पीछे ग्रहों की स्थिति बहुत बड़ा कारण होता है. हर जातक पैदा होने के साथ अपनी किस्मत लेकर आता है. यही बात विदेश यात्रा पर भी लागू होती है. जिस जातक की कुंडली में विदेश यात्रा के योग होते हैं, उनको ग्रहों के संयोग की वजह से विदेश जाने का मौका मिलता है.
सूर्य और चंद्र
सभी ग्रहों के राजा सूर्य हैं. उनकी कृपा से सरकार या कंपनी अपने खर्च पर विदेश यात्रा कराती है. यह लाभ कन्या राशि या कन्या लग्न वालों को प्राप्त हो सकता है. इस राशि और लग्न वालों की व्यक्तिगत कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत हो तो सरकार या जिस कंपनी में वह काम करते हैं, वह विदेश भेजती है. निजी खर्च पर इनकी विदेश यात्रा कम ही होती है.
चंद्रदेव मन को कंट्रोल करने वाले हैं. मन की गति बहुत तेज होती है, वह पल में यहां पल में वहां पहुंच जाता है. चंद्रमा सिंह राशि या लग्न वालों के लिए एब्रॉड हाउस का स्वामी होता है, इसलिए बिना इनकी मुहर लगे वीजा नहीं बन सकता. चंद्रमा की स्थिति ठीक होने पर सिंह राशि वाले पासपोर्ट भी नहीं अप्लाई कर सकते. चंद्रमा की प्रसन्नता से ही सिंह राशि वाले विदेश यात्रा कर पाते हैं. सूर्य और चंद्र के पास एक एक राशि है और यह केवल एक ही राशि के लोगों को विदेश की सैर कराते हैं.
मंगल
मंगल ग्रह वृष और धनु राशि के मालिक हैं. वृष राशि वालों को मित्रों और जीवन साथी के साथ यात्रा करने का अवसर प्राप्त होता है. यह व्यापार मेला या ट्रेड फेयर में यात्रा कराते हैं. धनु वाले जल मार्ग से विदेश भ्रमण कर सकते हैं.
बुध
कर्क और तुला राशि वालों के विदेश भाव के स्वामी बुध हैं. कुंडली में ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहे तो भी बुध की अनुमति के बिना विदेश भ्रमण संभव नहीं है. कर्क राशि वाले बुध की कृपा से जल्दी-जल्दी यात्रा करते हैं और पड़ोसी देशों की तो कई बार यात्रा कर सकते हैं. तुला राशि वालों को विदेश यात्रा कराने में बुध आसानी से स्पॉन्सरशिप दिलाते हैं, बिना अपना धन खर्च किए यात्रा का सुख प्राप्त होता है.
बृहस्पति
मेष और मकर राशि वालों के विदेश भाव के स्वामी हैं गुरुदेव बृहस्पति. इन राशि वालों को विदेश ले जाने की जिम्मेदारी ज्ञान और विवेक के देवता बृहस्पति की है. इन राशि वालों को विदेश जाने के लिए गुरु का सहयोग परम आवश्यक है. मेष राशि वालों को गुरु की कृपा से जो ज्ञान प्राप्त होता है, उसके कारण ही विदेश जाने का अवसर मिलता है. मकर राशि वाले अपने परिवार के साथ अपने छोटे भाई-बहनों के कारण गुरु बृहस्पति विदेश भ्रमण कराते हैं. इसके साथ ही विदेश में जाकर ज्ञानार्जन का मौका मिल सकता है.
शुक्र
विदेश यात्रा कराने में सबसे ज्यादा एक्सपर्ट हैं शुक्र. यह सुख-सुविधा, वैभव, लग्जरी देने वाले होते हैं. मिथुन और वृश्चिक राशि वालों के विदेश भाव के स्वामी हैं. इन लोगों को विदेश यात्रा कराने में अहम भूमिका निभाते हैं. मिथुन राशि वालों को अपनी बुद्धि या रिसर्च के चलते विदेश जाने का मौका मिलता है और इसमें शुक्र का बहुत ही अहम भूमिका होती है. वहीं, वृश्चिक राशि वालों को मित्र, बिजनेस पार्टनर और जीवनसाथी के माध्यम से विदेश जाने का मौका मिलता है.
शनि
कुंभ और मीन राशि वालों को विदेश यात्रा कराने की जिम्मेदारी शनिदेव की है. बिना इनकी कृपा के जीवन में यात्रा करने का ही बहुत कम अवसर प्राप्त होता है और विदेश तो जा ही नहीं पाते हैं. कुंभ राशि वालों को बचपन से यात्रा का मौका मिलता है. यह जीवन में अपने पैसे से यात्रा करते हैं. कुंडली में अन्य ग्रहों के साथ शनि की स्थिति ठीक रही तो यह काफी समय तक विदेश में रुक भी सकते हैं और एनआरआई तक बना देते हैं. मीन राशि वाले विदेश में धन कमाने के लिए जाते हैं.