Kharmas 2023: साल 2023 में इस दिन से शुरू हो रहा है खरमास, इन कामों की होगी मनाही; जान लें तिथि, उपाय और नियम
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Kharmas 2023: साल 2023 में इस दिन से शुरू हो रहा है खरमास, इन कामों की होगी मनाही; जान लें तिथि, उपाय और नियम

Khamas Upay: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार खरमास के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि संपन्न नहीं होता है, क्योंकि खरमास को अशुभ माना गया है.

खरमास 2023

Kharmas In March 2023: हर साल में दो बार खरमास लगता है. हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य देवता देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तो इस राशि परिर्वतन के कारण खरमास लगता है. जिसकी अवधि एक माह होती है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार खरमास के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि संपन्न नहीं होता है, क्योंकि खरमास को अशुभ माना गया है. आइए जानते हैं मार्च में खरमास कब से शुरू हो रहे हैं और इस दौरान कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.

खरमास तिथि  (Kharmas 2023 Date) 

हिन्दू पंचांग के अनुसार 15 मार्च को सुबह 05 बजकर 17 मिनट पर सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे और 14 अप्रैल तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे. इसे मीन संक्रांति कहते हैं. इस अवधि को खरमास के रूप में जाना जाएगा. इस दौरान सभी राशि के जातकों को सावधान रहना चाहिए और ज्योतिष शास्त्र में बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए.

खरमास में न करें ये काम 

खरमास की अवधि में नया मकान, गहने, गाड़ी चल- अचल सम्पत्ति की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए. इसके साथ इस दौरान नए व्यापार या नौकरी की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए. इस दौरान शुभ काम करने से वह फलदायी नहीं होता है और ऐसा करने से भविष्य में परेशानियां आ सकती हैं. 

खरमास के दौरान विवाह जैसे मांगलिक कार्य के साथ-साथ अन्य सभी महत्वपूर्ण कार्य जैसे- गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, मुंडन और सगाई नहीं करनी चाहिए. 

खरमास के उपाय (Kharmas 2023 Upay)

खरमास के दौरान भगवान विष्णु की आराधना करने से जातकों को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसके साथ खरमास में तुलसी पूजन करने से भी व्यक्ति को धन-धान्य और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

खरमास में देवी-देवताओं की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, इन सभी में सूर्य देव की उपासना करने से साधक को भाग्य एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है. इसलिए खरमास के दौरान सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें. जल देते समय उसमें थोड़ा कुमकुम, अक्षत और पीला पुष्प डालें. 

खरमास में क्यों है शुभ कार्यों की मनाही? 

शास्त्रों के अनसुार जब सूर्य का गोचर मीन राशि में होता है तब वह अपना तेज कम कर लेते हैं और अपने गुरु बृहस्पति की की सेवा में रहते हैं. वहीं सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कमजोर होता है. शुभ कार्य के लिए इन दोनों ग्रहों की मजबूत होना जरूरी है. यही वजह है कि खरमास के समय मांगलिक कार्य फलित नहीं होते इसलिए इसमें कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए, हालांकि इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा, पाठ, मंत्र जाप बहुत फलदायी होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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