माल्या पर तीन बैंकों पर 9 हजार करोड़ के घोटाले करने का आरोप है.
Trending Photos
नई दिल्ली: भगोड़े शराब कारोबारी को सोमवार को तगड़ा झटका लगा है. लंडन स्थित हाईकोर्ट ने माल्या (Vijay Mallya) की भारत को प्रत्यर्पित न करने की अपील को ठुकरा दिया है. इसके साथ ही माल्या की भारत वापसी का रास्ता साफ हो गया है. माल्या पर तीन बैंकों पर 9 हजार करोड़ के घोटाले करने का आरोप है.
SBI, ED, CBI ने लड़ा भारत सरकार की तरफ से केस
इस केस में भारत सरकार की तरफ से एसबीआई, ईडी और सीबीआई ने केस लड़ा था. माल्या के ऊपर भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक समेत 13 बैंकों का बकाया है. इन बैंकों के कंसोर्शियम की अगुवाई एसबीआई कर रहा था. बैंक चाह रहे थे कि उसको दिवालिया घोषित करके विदेश में मौजूद संपत्ति भी जब्त की जाए.
इतनी जल्दी नहीं होगा प्रत्यपर्ण
अब यह मामला यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल के पास जाएगा, जो कि यह फैसला करेंगी कि कब माल्या को ब्रिटेन से भारत भेजा जाएगा. 64 साल का माल्या बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस का मालिक भी है. इस साल फरवरी में माल्या ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी अपील दायर की थी.
लंडन स्थित रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में दो सदस्यीय वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है.
ये भी पढ़ें:- भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को लगा तगड़ा झटका, भारत वापसी का रास्ता साफ
11 हजार करोड़ की संपत्ति को मिला था जब्त करने का आदेश
इस साल की शुरुआत में मुंबई स्थित पीएमएलए कोर्ट ने बैंकों को माल्या की 11 हजार करोड़ की संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया था. बैंकों को 6205 करोड़ रुपये का बकाया और इस पर 2013 से लगे ब्याज को मिलाकर 9 हजार करोड़ रुपये वसूलना है.
वित्त मंत्री से की थी यह अपील
31 मार्च को माल्या ने उधार लिए गए पैसों को चुकाने की इच्छा जताई थी. उसने तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि कोरोना वायरस महामारी के इस संकटपूर्ण समय में दिवालिया हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार ली गई 'शत प्रतिशत राशि चुकाने' की उनकी पेशकश पर विचार किया जाए.
5 जनवरी को किया था आर्थिक भगोड़ा घोषित
इसी साल पांच जनवरी को मुंबई की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर माल्या को शनिवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया। माल्या नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफईओ घोषित होने वाला पहला कारोबारी बन गया था। यह अधिनियम पिछले वर्ष अगस्त में प्रभावी हुआ था।
22 नवंबर 2018 को स्विस बैंक ने दिया था झटका
22 नवंबर 2018 को स्विस बैंक को माल्या के लंडन स्थित 195 करोड़ रुपये के बंगले को कब्जा लेने मंजूरी मिली थी. लंडन हाईकोर्ट ने स्विस बैंक को माल्या का आलीशान बंगला कब्जे में लेने की मंजूरी दे दी है.
विजय माल्या पर यूबीएस का 195 करोड़ रुपये कर्ज बकाया है. स्विस बैंक यूबीएस ने माल्या द्वारा कर्ज न चुकाए जाने को लेकर उसके लंडन स्थित घर को अपने अधिकार में लिए जाने की मांग की थी. यूके कोर्ट ने यूबीएस की इस मांग को मंजूरी दे दी थी.
ये भी देखें:-