कोरोना का कहर: 20% व्‍यापारी पूरी तरह बर्बाद, 5.50 लाख करोड़ का नुकसान
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कोरोना का कहर: 20% व्‍यापारी पूरी तरह बर्बाद, 5.50 लाख करोड़ का नुकसान

इसके साथ ही करीब 20 फीसदी व्यापारियों ने अपने व्यापार को पूरी तरह से बंद कर दिया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते देश भर में पिछले 40 दिनों से हुए लॉकडाउन की वजह से खुदरा व्यापारियों को करीब 5.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही करीब 20 फीसदी व्यापारियों ने अपने व्यापार को पूरी तरह से बंद कर दिया है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह दावा किया है.

  1. खुदरा व्यापारियों को करीब 5.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
  2. .5 करोड़ व्यापारियों को कुछ महीनों में ही अपने व्यापार को स्थायी रूप से बंद करना होगा. 
  3. खुदरा विक्रेताओं के अगले कुछ महीनों के कारोबार को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है.

कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कारोबारियों के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज लाने की अपील की है. संगठन ने मुश्किल के इस वक्त में कारोबारियों को मदद उपलब्ध कराने के लिए राहत पैकेज की यह मांग की है.  कैट करीब 40,000 कारोबारी संगठनों का शीर्ष कंफेडरेशन है और देश के सात करोड़ कारोबारियों का प्रतिनिधित्व करता है. 

कैट ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कोरोना वायरस से भारत के रिटेल सेक्टर को अपूरणीय क्षति हुई है. देशभर में इसके प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेंगे. व्यापार न होने से कम से कम 20 फीसदी व्यापारियों और उन व्यापारियों पर निर्भर लगभग 10 अन्य व्यापारियों द्वारा अपना व्यापार बंद करने की संभावना है. लॉकडाउन ने भारतीय खुदरा विक्रेताओं के अगले कुछ महीनों के कारोबार को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है.

सबसे ज्यादा छोटे व्यापारियों पर असर
कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कोरोना ने भारतीय खुदरा व्यापार में बहुत बड़ी बड़ी सेंध लगाई है, जिसका पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. भारत में कम से कम 2.5 करोड़ व्यापारी बेहद सूक्ष्म और छोटे हैं, जिनके पास इस गंभीर आर्थिक तबाही से बचने का कोई रास्ता नहीं है. 

देश के 7 करोड़ व्यापारियो के कारोबार को 5.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हुआ है. इन 7 करोड़ व्यापारियों में से लगभग 1.5 करोड़ व्यापारियों को कुछ महीनों में ही अपने व्यापार को स्थायी रूप से बंद करना होगा. लगभग 75 लाख ऐसे व्यापारी जो इन 1.5 करोड़ व्यापारियों पर निर्भर हैं, उन्हें भी अपना व्यापार बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा. व्यापारियों के व्यापार की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके कारण देशभर के व्यापारी बेहद हताश और निराश हैं.

बयान में आगे कहा गया कि गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न अधिसूचनाओं का जमीनी स्तर पर ठीक तरह से पालन नहीं हुआ है. दिशानिर्देशों को लागू करने में राज्यों ने कोताही बरती है.

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