Business news hindi: एक यू-ट्यूब शो में इंफोसिस फाउंडर नारायण मूर्ति और मोहनदास पई के बीच हुए संवाद ने नेटिजंस को 2 धड़ों में बांट दिया है. करोड़ों कर्मचारियों ने नारायणमूर्ति के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा-विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए.
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Work 70 hours a week: इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) के एक बयान पर देशभर में बवाल मचा है. हालांकि नारायण मूर्ति भारत सरकार के श्रम मंत्रालयय द्वारा नियुक्त किसी कमेटी के सदस्य नहीं हैं, लेकिन उनके भारत में काम के घंटों को लेकर दिए गए बयान की चर्चा देश के गली मोहल्लों से लेकर इंटरनेट की गलियों तक में बड़े जोर शोर से हो रही है. दरअसल उन्होंने सलाह दी है कि भारत के युवा हर हफ्ते करीब 70 घंटे काम करें. उन्होंने कहा कि भारत की कार्य उत्पादकता (Work Productivity) दुनिया में सबसे कम है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. इस बयान पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि 2023 में दुनिया की टॉप 15 कंपनियों में कितने घंटे काम कराया जाता है? आइए आपको बताते हैं.
इंसान हैं रोबोट नहीं: नेटिजंस
कुछ लोगों को कहना है कि बड़े लोग हैं, लिहाजा कुछ भी कह सकते हैं. कुछ का कहना है कि ये बिना मांगे दी गई सलाह है. वहीं बहुत सारे नेटिजंस का गुस्सा इस बात पर भी दिख रहा है कि कैसे कोई किसी को हफ्ते में 70 घंटे काम के लिए कह सकता है? उनका मानना है कि एक सप्ताह में 70 घंटे काम करने से कोई भी कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूप से थक जाएगा. यानी उसके पास फैमिली और खुद के लिए कोई पर्सनल टाइम नहीं होगा. भले ही आईटी कंपनी में फाइव डे वीक मोड यानी 5 दिन काम और दो वीकली ऑफ मिलते हों, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अब सभी को ऑफिस में रोज 14 घंटे काम करना पड़ेगा. नेटिजंस इस बात पर भी भड़के हैं कि जिन्हें एक वीकली ऑफ मिलता है वो बेचारे क्या करेंगे? लोगों का ये भी कहना है कि अगर किसी को ऑफिस से आने-जाने में माल लीजिए दो घंटे का वक्त लगता है तो उसके को औसतन 16-17 घंटे रोज निकल जाएंगे यानी उसे खाने-पीने और सोने के लिए मुश्किल से बस 4-5 घंटे का टाइम मिलेगा.
दुनिया की टॉप 15 कंपनियों में कितने घंटे की शिफ्ट?
फोर्ब्स मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 की टॉप 15 बड़ी कंपनियों की बात करें तो वहां के कर्मचारियों को हफ्ते में कितने घंटे काम करना होता है यानी उनकी डेली शिफ्ट कितने घंटे की होती है? आइए बताते हैं.
1.सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स | इस कंपनी में हर एंप्लाई को एक हफ्ते में 45 घंटे का लॉगिन यानी काम करना पड़ता है. | डेली शिफ्ट 9 घंटे |
2.माइक्रोसॉफ्ट | इस दिग्गज आईटी फर्म में एक हफ्ते में आपको मिनिमम यानी 40 घंटे काम करना पड़ता है. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
3. एल्फाबेट | हफ्ते में 40 घंटे. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
4. Apple | हफ्ते में 40 घंटे. (नोट: कुछ कर्मचारी रोजाना 8 घंटे से कम काम कर सकते हैं, जबकि कुछ स्टाफ के वर्क ऑवर्स उनके काम के हिसाब से तय होते हैं. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
5. IBM: | हफ्ते में 40 घंटे. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
6.Adobe: | हफ्ते में 40 घंटे. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
7.सिस्को सिस्टम्स: | काम के घंटे स्थानीय कानून के हिसाब से. एक हफ्ते में ओवरटाइम समेत Max. 60 घंटे. ओवरटाइम (वालंटरी) रहेगा, अनिवार्य नहीं. | |
8.डेल टेक्नोलॉजीज | हफ्ते में 40 घंटे. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
9.पेपैल: | हफ्ते में 40 घंटे. हालांकि स्टाफ का कहना है कि उन्हें अमूनन 9 घंटे लग ही जाते हैं | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
10.सोनी: | हफ्ते में 45 घंटे. | डेली शिफ्ट 9 घंटे |
11. इंटेल: | हफ्ते में 40 घंटे. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
12. सीमेंस | हफ्ते में 40 से 50 घंटे. | डेली शिफ्ट 9 घंटे |
13. अमेज़न: | हफ्ते में 40 घंटे. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
14. नेटफ्लिक्स | हफ्ते में 40 घंटे. 9 से 5 बजे का कोई शेड्यूल नहीं है. | डेली शिफ्ट 8 घंटे |
15. ओरेकल | हफ्ते में न्यूनतम 20 घंटे या जरूरत के हिसाब से शिफ्ट लगती है. | डेली शिफ्ट 8 घंटे से कम |
आपको बताते चलें कि नारायणमूर्ति ने इस बयान के जरिये देश में 'वर्क प्रोडक्टिविटी' बढ़ाने का लॉजिक दिया है. नारायणमूर्ति ने अपने बयान के पक्ष में दूसरे विश्व युद्ध की भूमिका बांधते हुए कहा कि उस दौर में जापान और जर्मनी के लोगों ने लंबे समय तक काम किया और आज वो इकॉनमी के मामले में लंबे समय से टॉप चार्ट में बने हुए हैं. उनके इस बयान पर एक्स (पहले ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर प्रतिक्रिया आने की झड़ी लगी हुई है. ऐसे ही एक यूजर ने लिखा- 'मालिक 70 घंटे वाली सैलरी भी बता देते...'