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दिल्ली: पेंशनर्स को हर साल की शुरुआत में जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) के लिए दौड़-भाग करनी होती है. ये और भी मुश्किल जब हो जाता है जब किसी पेंशनर के आधार कार्ड में दी गई बायोमीट्रिक जानकारी अपडेट नहीं होती है या फिर और कोई तकनीकी दिक्कत सामने आती है. लेकिन अब पेशनर्स को ये दिक्कत नहीं होगी क्योंकि मोदी सरकार ने नियमों में थोड़ी ढील दे दी है.
नए नियमों को लेकर मोदी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है. अनिवार्य से बदलकर इसे स्वैच्छिक कर दिया गया है. इसका मतलब ये होगा कि अब पेंशनर्स चाहें तो आधार की जानकारी देंगे और नहीं चाहेंगे तो नहीं देंगे. इस नियम के स्वैच्छिक होने से पेंशनर्स की बड़ी दिक्कत का समाधान हो गया है.
पेंशनर्स को लाइफ सर्टिफिकेट की जरूरत हर साल होती है. अपने जीवित होने का प्रमाण देने पर ही उन्हें पेंशन मिलती है. डिजिटल तरीके से लाइफ सर्टिफिकेट जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनर्स को काफी सुविधा मिल गई है. पहले पेंशनर्स को हाल निवास से पेंशन जारी करने वाली एजेंसी या फिर जहां उन्होंने नौकरी की है उस विभाग में जाना होता था लेकिन अब घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट हासिल किया जा सकता है. आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म होने से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट मिलना और आसान हो जाएगा.
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डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के अलावा सरकारी ऑफिस में हाजिरी लगाने के लिए अनिवार्य किया गया ऐप संदेश (Sandes) के लिए भी आधार वैरिफिकेशन को अनिवार्य से हटाकर स्वैच्छिक कर दिया है. Sandes इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन ऐप है जो सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए ईजाद किया गया है. अब सरकारी कर्मचारियों को Sandes के जरिए ही हाजिरी लगानी होती है.
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