अडाणी समूह ने कहा कि उसका यह निवेश म्यांमार के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करता है.
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नई दिल्ली: अडाणी समूह को म्यांमार में नया कंटेनर टर्मिनल विकसित करने की मंजूरियां मिल गई हैं. विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत समूह अपने बंदरगाह परिचालन को भारतीय सीमा से आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. यह ऑस्ट्रेलिया के बाद अडाणी का दूसरा अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह होगा. समूह ने कहा कि उसका यह निवेश म्यांमार के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करता. अडाणी समूह ने कहा, ‘‘हमारा यह निवेश किसी भी तरीके से अनैतिक नहीं है और न ही मानवाधिकार का उल्लंघन करता है.’’
बंदरगाह वाली जमीन MEC पट्टे पर लिया गया है
बयान में कहा गया है, ‘‘अपने सभी अंतरराष्ट्रीय निवेश की तरह अडाणी समूह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) और अन्य सभी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दिशा निर्देशों को पूरा करता है. जब हम करारों को अंतिम रूप देंगे तो संबंधित प्राधिकरणों को इसके बारे में सूचित करेंगे.’’ अडाणी समूह ने कहा कि जिस जमीन पर इस बंदरगाह का निर्माण किया जाना है उसे म्यांमार आर्थिक सहयोग (एमईसी) से पट्टे पर लिया गया है.
अडाणी समूह की कंपनी अडाणी यंगून इंटरनेशनल टर्मिनल कंपनी लि.को म्यांमार निवेश आयोग से यंगून क्षेत्र के नए कंटेनर बंदरगाह में निवेश की अनुमति मिल गई है. हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह टर्मिनल के विकास पर कितना निवेश करेगी.