RBI Penalty: आरबीआई (RBI) की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि वित्त वर्ष 2019-20 के बाद नाबार्ड की तरफ से किये गए इंस्पेक्शन से पता चला कि यह सहकारी बैंक संदिग्ध लेनदेन को चिह्नित करने वाले सॉफ्टवेयर लगाने और उनकी जानकारी देने में नाकाम रहा था.
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Bihar Rajya Sahakari Ltd Penalty: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नियमों का पालन नहीं करने और ग्राहकों को असुविधा होने पर बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) के खिलाफ कार्रवाई करता रहता है. पिछले वित्तीय वर्ष में आरबीआई (RBI) ने 8 बैंकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए लाइसेंस तक रद्द कर दिये थे. अब आरबीआई (RBI) ने बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड बैंक (Bihar Rajya Sahakari Ltd. Bank) पटना पर रेग्युलेटरी प्रावधानों प्रोविजन के उल्लंघन पर 60.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
उपभोक्ता सेवा समिति गठित करने में भी विफल रहा
आरबीआई (RBI) की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि वित्त वर्ष 2019-20 के बाद नाबार्ड की तरफ से किये गए इंस्पेक्शन से पता चला कि यह सहकारी बैंक संदिग्ध लेनदेन को चिह्नित करने वाले सॉफ्टवेयर लगाने और उनकी जानकारी देने में नाकाम रहा था. इसके अलावा तय समय में वैधानिक सूचना भी बैंक ने नहीं दी थी. इसके अलावा बैंक चारों क्रेडिट सूचना कंपनियों को आंकड़ों का ब्योरा देने और निदेशकों की एक उपभोक्ता सेवा समिति गठित करने में भी विफल रहा.
इस बैंक पर छह लाख का जुर्माना
केंद्रीय बैंक ने आधिकारिक बयान में कहा कि बैंक को नोटिस जारी किया गया था. उसके जवाब को देखने के बाद ही यह जुर्माना लगाने का फैसला किया गया. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने नियामकीय अनुपालन में खामी के लिए जोवाई कोऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड ( Jowai Co-operative Urban Bank Limited) मेघालय पर भी छह लाख का जुर्माना लगाया है.
इससे पहले आरबीआई ने एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) पर 1.73 करोड़ रुपये और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd.) व आरबीएल बैंक लिमिटेड (RBL Bank Ltd.) पर 2.27 करोड़ का जुर्माना लगाया था. आपको बता दें बैंक या सहकारी बैकों की तरफ से नियामकीय अनुपालन में चूक होने पर रिजर्व बैंक की तरफ से पेनाल्टी लगाई जाती है. बैंकों पर लगने वाले इस जुर्माना का कोई भी संबंध खाताधारकों से नहीं होता. ऐसे में ग्राहकों को मिलने वाली किसी भी सुविधा पर इसका कोई असर नहीं होता.