Air Travel Costly:आंकड़ों के मुताबिक, ATF के दाम आगे भी बढ़ सकते हैं. जनवरी में ATF का रेट 50, 979 रुपये प्रति किलोलीटर था, फरवरी में इसके दाम बढ़कर 53795 रुपये पर आ गए थे, इसके बाद अप्रैल में इसके दाम 58374 रुपये हो गए थे
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Air Travel Costly: पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर की आसमान छूती महंगाई के बाद अब एक और झटका सहने के लिए तैयार रहिए. अगर आप हवाई सफर करते हैं तो आपको ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं. क्योंकि ATF महंगा होने की वजह से एयरलाइंस किरायों के दाम बढ़ा सकती हैं.
हवाई जहाज में जो ईंधन डाला जाता है उसे एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) कहते हैं. जिसके दाम गुरुवार को दिल्ली में बढ़कर 68,262 रुपये प्रति किलोलीटर हो गए हैं. यह इस साल जनवरी के मुकाबले करीब 30 परसेंट ज्यादा है. जनवरी 2021 में ATF का रेट 50,979 रुपये था. तेल मार्केटिंग कंपनी IOC ने दिल्ली क्षेत्र में ATF के दाम 3.6 परसेंट तक बढ़ा दिए. दरअसल ग्लोबल मार्केट में भी क्रूड ऑयल के दाम तेजी से बढ़े हैं, जिसका असर ATF पर भी पड़ा है.
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ATF बढ़ाने को लेकर IOC ने कहा कि दिल्ली में एटीएफ की कीमत 3.6 परसेंट बढ़कर 68,262 रुपये प्रति किलोलीटर, कोलकाता में 3.27 परसेंट बढ़कर बढ़कर 72,295 रुपये प्रति किलोलीटर और मुंबई में 3.77 परसेंट चढ़कर 66,482 रुपये प्रति किलोलीटर पहुंच गई हैं. इस बढ़ोतरी के साथ ही 6 महीने में ATF के दाम करीबी 30 परसेंट बढ़ चुके हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, ATF के दाम आगे भी बढ़ सकते हैं. जनवरी में ATF का रेट 50, 979 रुपये प्रति किलोलीटर था, फरवरी में इसके दाम बढ़कर 53795 रुपये पर आ गए थे, इसके बाद अप्रैल में इसके दाम 58374 रुपये हो गए थे. इसके बाद मई में ये बढ़कर 61690 रुपये पहुंच गए थे और जून में ये 64118 रुपये पर बिक रहा था.
महीना ATF की कीमत
जनवरी 50, 979
फरवरी 53795
अप्रैल 58374
मई 61690
जून 64118
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर एटीएफ में ऐसे ही बढ़ोतरी होती रही तो एयरलाइंस टिकटों के दाम बढ़ा सकती है. दिल्ली एयरपोर्ट ने गुरुवार को यात्रियों की संख्या को लेकर कहा कि लॉकडाउन और ट्रेवल पर दूसरी तरह की पाबंदियों की वजह से हवाई जहाज से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है.
मई में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या प्रति दिन 4500 थी, जो कि जून में बढ़कर 7500 हो गई. हालांकि इंटरनेशनल उड़ानों को अभी 31 जुलाई तक सस्पेंड रखा गया है. दिल्ली एयरपोर्ट पर घरेलू यात्रियों का डेली फुटफॉल 18 हजार था. जून में यह बढ़ कर 62 हजार हो गया. लेकिन इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के बाद से हवाई यात्रियों की संख्या घट गई है, इसके पहले फरवरी और मार्च के दौरान इसमें तेजी थी.
आपको बता दें कि सरकार ने जून में न्यूनतम हवाई किराए यानी किराए के निचले स्तर में 13% से 16% तक की बढ़ोतरी की थी. हालांकि, अधिकतम किराया यानी किराए के ऊपरी स्तर में बदलाव नहीं किया गया था. ऐसे में अगर कोई यात्री 3 घंटे से ज्यादा सफर करता है तो उसे 1100 रुपये ज्यादा खर्च पड़ रहे हैं.
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