अंबानी और बिड़ला भी ऑनलाइन शॉपिंग की होड़ में हुए शामिल
Advertisement
trendingNow1279309

अंबानी और बिड़ला भी ऑनलाइन शॉपिंग की होड़ में हुए शामिल

साल 2015 ई-कामर्स (ऑनलाइन शॉपिंग) कारोबार के लिए यादगार रहा और फ्लिपकार्ट और स्नैपडील सरीखे कंपनियों के बढ़ते दबदबे के चलते अंबानी और बिड़ला की सुपरमार्केट श्रृंखलाएं भी इस बाजार में कूदने को विवश हुईं।

अंबानी और बिड़ला भी ऑनलाइन शॉपिंग की होड़ में हुए शामिल

नई दिल्ली: साल 2015 ई-कामर्स (ऑनलाइन शॉपिंग) कारोबार के लिए यादगार रहा और फ्लिपकार्ट और स्नैपडील सरीखे कंपनियों के बढ़ते दबदबे के चलते अंबानी और बिड़ला की सुपरमार्केट श्रृंखलाएं भी इस बाजार में कूदने को विवश हुईं।

ई-कामर्स क्षेत्र में कमजोर कंपनियां बाजार छोड़ने को मजबूर हैं और उनके पास विलय के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा है। यह रख 2016 में भी जारी रहने की संभावना है। इस दौरान फ्यूचर ग्रुप और भारती एंटरप्राइजेज के बीच विलय का सौदा हुआ। इसके अलावा, आदित्य बिड़ला समूह ने भी अपना परिचालन पुनर्गठित किया।

विदेशी ब्रांडों में हेन्ज एंड मौरिट्ज (एचएंडएम), गैप और एयरोपोस्टल ने अपनी भारतीय यात्रा शुरू की, जबकि जर्मनी की स्पोर्ट्सवियर फर्म एडिडास ग्रुप ने अगले साल में अपने खुद के स्टोर्स खोलने की तैयारी की है जिसके लिए उसने एकल ब्रांड परिचालन के वास्ते 100 प्रतिशत निवेश की मंजूरी हासिल की है।

खुदरा क्षेत्र 2020 तक बढ़कर 1,300 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। पिछले साल यह 560 अरब डॉलर का था और इस साल इसमें 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा, ‘साल 2015 चुनौतियों एवं अवसरों का साल रहा। खुदरा कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बेहतर खुदरा स्थल की अनुपलब्धता रह क्योंकि कई नए मॉल्स बंद होने की वजह से यह स्थिति बनी है।’ 

Trending news