अनिल अंबानी का दावा, 14 महीनों में चुकाया 35000 करोड़ रुपये का कर्ज
Advertisement

अनिल अंबानी का दावा, 14 महीनों में चुकाया 35000 करोड़ रुपये का कर्ज

अंबानी ने कहा कि वित्तीय सहायता नहीं मिलने के बावजूद उनके समूह ने एक अप्रैल, 2018 से लेकर 31 मई, 2019 के बीच अपने ऊपर बकाया ऋण में 24,800 करोड़ रुपये मूलधन और 10,600 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान किया है.

उन्होंने समर्थन नहीं मिलने का खेद जताया. (फाइल)

नई दिल्ली: अनिल अंबानी ने मंगलवार को कहा कि उनका समूह सभी ऋण देनदारियों को समय से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले 14 महीनों में उनके समूह ने 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है. अंबानी ने एक प्रेसवार्ता में संवाददाताओं से कहा कि चुनौतीपूर्ण हालातों और वित्तपोषकों से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने के बावजूद उनके समूह ने एक अप्रैल, 2018 से लेकर 31 मई, 2019 के बीच अपने ऊपर बकाया ऋण में 24,800 करोड़ रुपये मूलधन और 10,600 करोड़ रुपये ब्याज का भुगतान किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों के दौरान गैरवाजिब अफवाहों, अटकलों और रिलायंस समूह की सभी कंपनियों के शेयर में गिरावट के चलते हमारे सभी हितधारकों को काफी नुकसान हुआ है.’’ यह 35,000 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान रिलायंस कैपिटल, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और इनसे संबद्ध कंपनियों से जुड़ा है. अंबानी ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि उनका समूह भविष्य में सभी ऋण देनदारियों को समय से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए उसके पास परिसंपत्तियों के मौद्रिकरण की योजना है जिसे वह कई स्तर पर लागू भी कर चुका है.

रिलायंस पावर को मार्च तिमाही में हुआ 3,558 करोड़ रुपये का घाटा

अंबानी ने समूह की कुछ समस्याओं के लिए नियामकीय संस्थानों और अदालतों को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में फैसला आने में देरी की वजह से समूह को 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया नहीं मिल पाया. अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर और उससे संबद्ध कंपनियों का यह बकाया पांच से 10 साल तक पुराना है. इस पर अंतिम निर्णय आने में एक के बाद एक कारणों से देरी हुई.

अनिल अंबानी की कंपनी के साथ कर विवाद के समाधान में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं: फ्रांस

उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रणाली ने समूह के प्रति पूरी तरह उदासीनता बरती और कहीं से भी कोई समर्थन नहीं मिला जिसका परिणाम यह हुआ कि इसने ऋणदाताओं और अन्य हितधारकों के हितों का नुकसान हुआ. अंबानी ने भरोसे से कहा कि समूह को बदलने की यात्रा शुरू हो चुकी है जिसमें पूंजी को हल्का रखने, कम से कम ऋण लेने और शेयर पर ऊंचा रिटर्न देने की प्रतिबद्धता है जो सभी हितधारकों के मूल्य को बढ़ाएगा.

Trending news